महाकुंभ 2025 में संगम नगरी प्रयागराज की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे हाई-टेक टीथर्ड ड्रोन कैमरे। पढ़ें कैसे यह तकनीक श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
महाकुंभ 2025: सुरक्षा के लिए तैनात होंगे हाई-टेक टीथर्ड ड्रोन कैमरे
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इस बार हाई-टेक टीथर्ड ड्रोन कैमरे तैनात किए जा रहे हैं। यह पहली बार है जब इस अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग मेले में किया जाएगा। इन ड्रोन कैमरों की मदद से मेले के हर हिस्से पर निगरानी रखी जाएगी।
इस बार के महाकुंभ में देश-विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 2750 सीसीटीवी कैमरे और एआई-सक्षम उपकरणों का भी इंतजाम किया है।
क्या है टीथर्ड ड्रोन और क्यों है यह खास?
टीथर्ड ड्रोन कैमरा एक ऐसा अत्याधुनिक उपकरण है, जो एक बड़े गुब्बारे के माध्यम से रस्सी से बंधा होता है। इसे एक निश्चित ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है, जिससे यह पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखता है।
एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि यह उपकरण सेकंडों में अलर्ट मोड में आ जाता है और इसकी पहुंच से बच पाना लगभग नामुमकिन है। यह ड्रोन हाई-रेजॉल्यूशन कैमरे से लैस है, जो मेले में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को कैप्चर कर सकता है।
मेले में तैनात होंगे 2750 सीसीटीवी कैमरे
टीथर्ड ड्रोन के साथ-साथ मेला क्षेत्र में 2750 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा कैमरे एआई तकनीक से लैस होंगे। इनका उपयोग भीड़ प्रबंधन, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, और आपातकालीन स्थितियों में अलर्ट जारी करने के लिए किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर पुलिस की पूरी नजर
टीथर्ड ड्रोन कैमरे के माध्यम से पुलिस कंट्रोल रूम को मेले की हर गतिविधि का लाइव डेटा प्राप्त होगा। संगम तट और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर इन ड्रोन कैमरों से सीधी निगरानी रखी जाएगी।
पुलिस कंट्रोल रूम इन फुटेज का विश्लेषण कर तुरंत आवश्यक कार्रवाई करेगा। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये उपकरण बेहद प्रभावी साबित होंगे।
महाकुंभ में पहली बार हो रहा है हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल
महाकुंभ में पहली बार इतनी स्मार्ट सिक्योरिटी तकनीक का उपयोग हो रहा है। ये उपकरण मेले में सुरक्षा को नई ऊंचाई देंगे और श्रद्धालुओं को निर्भीकता से अपनी आस्था व्यक्त करने का अवसर प्रदान करेंगे।