म्यांमार में विद्रोहियों के हमलों ने चीन के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट को खतरे में डाल दिया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने म्यांमार से प्रोजेक्ट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।
जिनपिंग की बढ़ी मुश्किलें, म्यांमार से मदद की गुहार
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का सपना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट के जरिए दुनियाभर में चीन का प्रभुत्व बढ़ाने का है। लेकिन म्यांमार में विद्रोहियों और गृह युद्ध ने इस परियोजना के भविष्य को अंधेरे में डाल दिया है। विद्रोही समूहों के बढ़ते हमलों और अशांति के चलते चीन को अपने प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा के लिए म्यांमार सरकार और संबंधित पक्षों से मदद मांगनी पड़ी है।
म्यांमार में क्या है चीन का दांव?
- चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारा (CMEC):
चीन म्यांमार में चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारा विकसित कर रहा है, जो चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का अहम हिस्सा है। - काचिन राज्य की स्थिति:
म्यांमार के काचिन राज्य में भीषण लड़ाई के बीच चीन ने सीजफायर और बातचीत का अनुरोध किया है ताकि उसकी परियोजनाएं और कर्मी सुरक्षित रह सकें। - चीन की चिंता:
म्यांमार के गृह युद्ध के चलते चीन को डर है कि उसके प्रोजेक्ट ठप हो सकते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय का बयान
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा,
“चीन म्यांमार की स्थिति पर करीब से नज़र रख रहा है और शांति प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है।”
उन्होंने कहा कि चीन ने काचिन इंडिपेंडेंस ऑर्गनाइजेशन (केआईओ) और चीनी अधिकारियों के बीच वार्ता में शामिल होकर बातचीत को बढ़ावा दिया।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव: चीन का सपना या संकट?
- क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI):
BRI, ऐतिहासिक सिल्क रूट की तर्ज पर व्यापारिक रास्तों का नेटवर्क है। - म्यांमार में परियोजनाएं:
चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारा इस प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। लेकिन विद्रोही हमलों और राजनीतिक अस्थिरता ने इसे खतरे में डाल दिया है।
म्यांमार से खतरा क्यों?
- म्यांमार में गृह युद्ध और विद्रोही हमलों ने चीन की परियोजनाओं के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।
- चीन को डर है कि उसकी परियोजनाओं पर हुए निवेश को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
चीन के लिए क्या है रास्ता?
- म्यांमार में शांति स्थापित करना और अपने हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- स्थानीय पक्षों के साथ सहयोग बढ़ाना।