राहुल गांधी के ‘अंगूठा काटने’ वाले बयान पर अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सिखों के गले काटे। संविधान और आपातकाल पर भी निशाना।
राहुल गांधी का लोकसभा में बयान
14 दिसंबर 2024, शनिवार को लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने:
- एकलव्य और अंगूठा काटने का उदाहरण देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा।
- अडानी, धारावी, अग्निवीर योजना, और पेपर लीक का जिक्र कर सरकार पर युवाओं और दलितों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया।
- राहुल गांधी ने कहा:
“जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही बीजेपी हिंदुस्तान के युवाओं, पिछड़ों और दलितों का अंगूठा काट रही है।”
अनुराग ठाकुर का पलटवार
बीजेपी नेता और सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- उन्होंने कहा:
“अंगूठा काटने का आरोप लगाने वाले पहले ये बताएं कि कांग्रेस ने सिखों के गले क्यों काटे।”
- उन्होंने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने:
- 1984 के सिख विरोधी दंगों में सिखों का नरसंहार किया।
- इमरजेंसी के जरिए संविधान का दुरुपयोग किया।
- अनुराग ठाकुर ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि:
“संविधान को हाथ में लेकर घूमने वाले कांग्रेस नेता ये नहीं जानते कि उसमें कितने पन्ने हैं।”
नेहरू की विचारधारा और संविधान पर सवाल
- अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के पॉकेट संविधान संस्करण का हवाला देते हुए कहा:
- इसमें नेहरू की विचारधारा पर सवाल उठाए गए हैं।
- संविधान का श्रेय डॉ. आंबेडकर, सरदार पटेल, और केएम मुंशी को दिया गया है।
- उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को संविधान ने ही इमरजेंसी खत्म करने पर मजबूर किया।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब
राहुल गांधी ने बीजेपी पर अडानी के जरिए जनता के अधिकार छीनने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी का बयान:
“जब आप अडानी को धारावी बेचते हैं, जब आप लैटरल एंट्री के ज़रिए दलितों और पिछड़ों को बाहर रखते हैं, तो आप उनका अंगूठा काटते हैं।”
अनुराग ठाकुर का जवाब:
- उन्होंने इसे आधारहीन आरोप बताते हुए कांग्रेस को विकास विरोधी करार दिया।
- “कांग्रेस का रिकॉर्ड संविधान के दुरुपयोग और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से भरा हुआ है।”
संविधान और वर्तमान राजनीति पर बहस जारी
- राहुल गांधी ने सावरकर का जिक्र कर बीजेपी पर हमला किया।
- अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस की ऐतिहासिक गलतियों का हवाला देते हुए इसे ढोंग बताया।
निष्कर्ष
लोकसभा में संविधान की वर्षगांठ पर चर्चा ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर इतिहास और वर्तमान राजनीति से जुड़े आरोप लगाए। यह बहस लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजनीतिक माहौल को गर्माने का संकेत देती है।