तेलंगाना हाईकोर्ट ने बीआरएस नेता चेन्नमानेनी रमेश की भारतीय नागरिकता रद्द कर उन्हें जर्मन नागरिक करार दिया। कोर्ट ने उन पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
हैदराबाद, राजनीति डेस्क
तेलंगाना में बीआरएस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सोमवार (9 दिसंबर) को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक चेन्नमानेनी रमेश की भारतीय नागरिकता को रद्द कर दिया। कोर्ट ने उन्हें जर्मन नागरिक घोषित करते हुए 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला तेलंगाना की राजनीति में एक अहम मोड़ माना जा रहा है।
क्या है मामला?
- चेन्नमानेनी रमेश ने 1990 के दशक में जर्मनी में बसने के बाद वहां की नागरिकता हासिल की थी।
- उन्होंने 2008 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया और इसे हासिल कर लिया।
- हालांकि, अदालत में यह साबित हुआ कि रमेश ने अपनी जर्मन नागरिकता और पासपोर्ट को छुपाया।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी थी, जिसे तेलंगाना हाईकोर्ट ने सही ठहराया।
कोर्ट के आदेश और जुर्माना
- जस्टिस बी विजयसेन रेड्डी ने रमेश की गतिविधियों को भारतीय नागरिकों के चुनावी अधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
- रमेश पर भारतीय न्यायपालिका को गुमराह करने और जर्मन नागरिकता छिपाने के आरोप में 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
रमेश का राजनीतिक सफर और असर
- रमेश ने 2009 में बीआरएस पार्टी से विधायक के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
- वह चार बार विधायक रह चुके हैं और पार्टी के लिए एक प्रमुख चेहरा रहे हैं।
- कांग्रेस के कार्यकर्ता आदि श्रीनिवास ने उनकी नागरिकता को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- कांग्रेस
“यह फैसला लोकतंत्र की जीत है। ऐसे मामलों से साफ होता है कि नियम सभी पर लागू होते हैं।”
- बीआरएस पार्टी
“हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन इस फैसले से पार्टी को बड़ा झटका लगा है।”
- भाजपा
“यह मामला दिखाता है कि कैसे कुछ लोग नियमों का उल्लंघन कर राजनीति में घुसते हैं।”
क्या है आगे की राह?
- रमेश इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
- उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठ गए हैं और यह बीआरएस पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है।