बांग्लादेश दौरे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हिंदुओं पर हमले और तख्तापलट के बाद की स्थिति पर चर्चा की। जानें बांग्लादेश के हालात पर 10 बड़े अपडेट।
बांग्लादेश के दौरे पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाओं के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री 9 दिसंबर को बांग्लादेश के एकदिवसीय दौरे पर हैं। उनका यह दौरा हालिया तनावपूर्ण घटनाओं के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दौरे की मुख्य बातें
- मोहम्मद यूनुस से संभावित मुलाकात:
- विक्रम मिस्री बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात कर सकते हैं। यह तख्तापलट के बाद भारत का पहला उच्चस्तरीय दौरा है।
- भारतीय चिंताओं का जिक्र:
- विदेश सचिव अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन और कार्यवाहक विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से मिलकर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर भारत की चिंताओं को उठाएंगे।
बांग्लादेश के हालात पर 10 बड़े अपडेट
- इस्कॉन सेंटर पर हमला:
- ढाका स्थित इस्कॉन सेंटर में आग लगाई गई, जिसमें लक्ष्मी नारायण के विग्रह और अन्य सामान जलकर खाक हो गए।
- यूनुस शासन के व्यापारिक फैसले:
- पाकिस्तानी शिपमेंट को ‘फिजिकल इंस्पेक्शन’ से छूट दी गई।
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा आवेदन के लिए ‘सिक्योरिटी क्लीयरेंस’ की अनिवार्यता में ढील।
- मार्क मैलोच-ब्राउन की यूनुस से मुलाकात:
- ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष मार्क मैलोच-ब्राउन ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस से मुलाकात की।
- हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास पर FIR:
- चटगांव में पुलिस और संत चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों के बीच झड़प के बाद 164 पहचाने गए और 400-500 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज।
- बांग्लादेश में अशांति जारी:
- तख्तापलट के बाद हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
- भारत का उच्चस्तरीय हस्तक्षेप:
- तख्तापलट के बाद यह भारत का पहला बड़ा कूटनीतिक प्रयास है।
- चिंताओं का कूटनीतिक समाधान:
- दौरे में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भारत-बांग्लादेश संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
- बांग्लादेश में राजनैतिक संकट:
- अंतरिम सरकार की भूमिका और नई नीतियां विवादों में हैं।
- भारत की रणनीति:
- बांग्लादेश में शांति और स्थिरता के लिए भारत सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
- आने वाले कदम:
- विदेश सचिव का दौरा दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा तय कर सकता है।
बांग्लादेश में भारत की प्राथमिकताएं
- अल्पसंख्यकों की सुरक्षा: हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए प्रयास।
- व्यापारिक संबंध: दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना।
- राजनीतिक स्थिरता: तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में शांति और स्थिरता स्थापित करना।