बांग्लादेश उच्च न्यायालय भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध की याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में बांग्लादेशी संस्कृति पर भारतीय मीडिया के प्रभाव का हवाला दिया गया है।
बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर बौखलाहट बढ़ती जा रही है। वकील एखलास उद्दीन भुइयां ने बांग्लादेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर भारतीय चैनलों पर प्रसारण रोकने की अपील की है। उनका दावा है कि भारतीय मीडिया सामग्री बांग्लादेशी संस्कृति और युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
इस याचिका में स्टार जलसा, स्टार प्लस, जी बांग्ला, रिपब्लिक बांग्ला समेत सभी भारतीय चैनलों के प्रसारण को रोकने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने भारतीय चैनलों पर भड़काऊ खबरें और बांग्लादेश विरोधी सामग्री प्रसारित करने का आरोप लगाया है।
भारत-बांग्लादेश के बिगड़ते रिश्ते:
5 अगस्त 2024 के बाद से भारत-बांग्लादेश के संबंधों में गिरावट देखी गई है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, मंदिरों पर हमले और हिंदू समुदाय के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हुई है। चटगांव में हाल ही में हुई झड़पों और गिरफ़्तारी ने हालात और तनावपूर्ण बना दिए हैं।
कानूनी पहलू:
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, याचिका में सूचना और गृह मंत्रालय के सचिवों और बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है। न्यायमूर्ति फातिमा नजीब और सिकदर महमूदुर रजी इस मामले पर सुनवाई करेंगे।
निष्कर्ष:
भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और सुरक्षा के कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है। याचिका पर अदालत का निर्णय दोनों देशों के संबंधों को और प्रभावित कर सकता है।