अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया और पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। कैलाश मानसरोवर यात्रा न हो पाने की आशंका जताते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की अपील की।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में संभल हिंसा और धार्मिक स्थलों के सर्वे पर बयान दिया। उन्होंने इसे एक “सोची-समझी साजिश” करार देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से देश का सांप्रदायिक सौहार्द खराब किया जा रहा है। अखिलेश ने यह भी दावा किया कि भविष्य में चीन भारत के नागरिकों को कैलाश मानसरोवर यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा।
संभल हिंसा को साजिश बताया
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान, अखिलेश यादव ने संभल की घटना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि संभल में हाल ही में हुई हिंसा का मकसद इलाके के भाईचारे को नुकसान पहुंचाना था। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए मांग की कि दोषी अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाए।
उन्होंने कहा, “संभल में लोग सालों से मिलजुलकर रहते आए हैं। लेकिन इस घटना से वहां के सौहार्द को खत्म करने की कोशिश की गई है। पुलिस ने लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया और ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जिसे बोलना भी संभव नहीं है।”
कैलाश मानसरोवर का मुद्दा उठाया
अखिलेश यादव ने अपने बयान में कैलाश मानसरोवर यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आप हर जगह खोदाई कर रहे हैं, लेकिन मानसरोवर की ओर क्यों नहीं बढ़ रहे? एक दिन ऐसा आएगा जब चीन आपको कैलाश मानसरोवर जाने की अनुमति नहीं देगा।” उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
मस्जिद और दरगाह के सर्वे का मुद्दा
संभल और बदायूं में मस्जिदों और राजस्थान के अजमेर में दरगाह के सर्वे की याचिकाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने इसे सरकार की नीतियों का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि सर्वे के नाम पर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है।
राजनीतिक बयानबाजी और समाज पर असर
अखिलेश यादव ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली और लखनऊ की राजनीति एक ही रास्ते पर चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों से समाज में अस्थिरता बढ़ रही है और यह देश के विकास के लिए नुकसानदायक है।
समाजवादी पार्टी का रुख
अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इन मुद्दों पर सतर्क रहें और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के मुद्दे देश को कमजोर करते हैं और जनता को जागरूक करना जरूरी है।