बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारियों की गिरफ्तारी और मंदिरों पर हमले से धार्मिक तनाव बढ़ गया है। चिन्मय कृष्ण दास और श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हिंदू समुदाय के प्रदर्शन जारी।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमले
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों ने धार्मिक तनाव को नई ऊंचाई दी है। इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास और श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी के साथ-साथ तीन मंदिरों पर हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
25 नवंबर 2024 को बांग्लादेश के इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उनकी जमानत याचिका 26 नवंबर को खारिज कर दी। उनकी गिरफ्तारी के बाद ढाका और चटगांव सहित कई शहरों में हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन किए।
श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी
30 नवंबर को श्याम दास प्रभु को चटगांव पुलिस ने बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह जेल में चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे। इस गिरफ्तारी ने हिंदू समुदाय में और अधिक आक्रोश पैदा कर दिया है।
चटगांव में मंदिरों पर हमले
29 नवंबर को चटगांव के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में तीन हिंदू मंदिरों—शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर, और कालीबाड़ी मंदिर—पर हमले किए गए।
हमलावरों ने ईंट और पत्थरों से हमला किया, जिससे मंदिरों को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने घटना की पुष्टि की और कहा कि मामला दर्ज किया गया है।
झड़प में वकील की मौत
26 नवंबर को चटगांव में अदालत के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में सहायक सरकारी वकील सैफुल इस्लाम की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने 46 अल्पसंख्यकों को गिरफ्तार किया, जिनमें से ज्यादातर हिंदू सफाई कर्मचारी थे।
हिंदू समुदाय का प्रदर्शन
हिंदू समुदाय ने बांग्लादेश में लगातार हो रही घटनाओं पर चिंता जताई है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर श्याम दास प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए न्याय की मांग की।
अल्पसंख्यक अधिकारों पर सवाल
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और धार्मिक भेदभाव ने अल्पसंख्यक अधिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंदिरों पर हमले, पुजारियों की गिरफ्तारी, और विरोध प्रदर्शनों के दमन से स्थिति गंभीर होती जा रही है।
बांग्लादेश सरकार पर दबाव
अंतरराष्ट्रीय संगठनों और इस्कॉन के सदस्य बांग्लादेश सरकार से इन घटनाओं पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के मामलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले और धार्मिक तनाव की घटनाओं ने समाज में डर का माहौल पैदा कर दिया है। इन घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।