हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़े नेता मौजूद रहे। जानें गठबंधन और चुनाव से जुड़ी खास बातें।
हेमंत सोरेन ने संभाली झारखंड की कमान
हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रांची में आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हैं और उनके नेतृत्व में झारखंड में इंडिया गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की है।
शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद प्रमुख नेता
इस ऐतिहासिक मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और अखिलेश यादव सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जेएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन भी समारोह में उपस्थित रहीं।
इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन ने 81 सीटों में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की। हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से बीजेपी के गमलियल हेम्ब्रम को 39,791 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। विपक्षी एनडीए गठबंधन सिर्फ 24 सीटें ही हासिल कर सका।
हेमंत सोरेन के बेटे की प्रतिक्रिया
शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन के बेटे, नितिल सोरेन ने कहा, “यह मेरे पिता के लिए गर्व का क्षण है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) झारखंड और आदिवासी समुदाय के लिए निरंतर काम कर रहा है।”
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर
हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री के रूप में यह चौथा कार्यकाल है। वे झारखंड के प्रमुख राजनीतिक चेहरों में से एक हैं। उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासियों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती रही है। सोरेन की अगुवाई में सरकार ने पिछली बार कई अहम योजनाएं लागू की थीं, जिनमें आदिवासी कल्याण, शिक्षा और रोजगार से जुड़े कदम शामिल हैं।
भविष्य की चुनौतियां
हेमंत सोरेन की सरकार के सामने झारखंड के विकास को नई दिशा देने की चुनौती है। गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर तेजी से काम करने की जरूरत है।
चुनाव के बाद गठबंधन की स्थिति
इंडिया गठबंधन का झारखंड में स्पष्ट बहुमत है, जो राज्य में स्थिर सरकार देने में मदद करेगा। विपक्षी दल बीजेपी की हार ने झारखंड में सत्ता समीकरण बदल दिए हैं।