महाराष्ट्र में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर कोई समझौता नहीं किया गया। जानें, कैसे एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए कोशिश की और बीजेपी ने अपना रुख साफ किया।
एकनाथ शिंदे की सीएम पद की दावेदारी
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति (बीजेपी और शिवसेना गुट) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की। लेकिन 23 नवंबर को आए नतीजों के बाद से ही सीएम पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों के जरिए मुख्यमंत्री पद की मांग को आगे बढ़ाया। उन्होंने यह तक कहा कि अगर उन्हें यह पद नहीं दिया गया, तो इसका असर आगामी बीएमसी चुनावों पर पड़ सकता है।
बीजेपी का सख्त रुख
भाजपा ने अपनी प्रचंड जीत के बाद किसी भी प्रकार का समझौता करने से साफ इनकार कर दिया। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस बार मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ेगी। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर यह संदेश दिया कि सीएम पद पर उनकी मांग स्वीकार नहीं होगी।
एकनाथ शिंदे का बयान
इसके बाद, एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, “मैंने पीएम मोदी और अमित शाह से स्पष्ट कर दिया है कि मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई रुकावट नहीं आएगी। मैं उनके फैसले का सम्मान करूंगा।”
बीजेपी का गेम प्लान
भाजपा की यह रणनीति उसकी प्रचंड जीत और महाराष्ट्र में स्थायी नेतृत्व की इच्छा को दर्शाती है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह अब किसी प्रकार का त्याग करने के मूड में नहीं है।