झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में हेमंत सोरेन की वापसी का सबसे बड़ा कारण बनी ‘मैया सम्मान योजना।’ जानें, कैसे इस योजना ने महिला वोटरों को झारखंड मुक्ति मोर्चा के पक्ष में किया।
झारखंड में हेमंत सोरेन की ऐतिहासिक वापसी
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के शुरुआती नतीजों से यह स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में वापसी करने जा रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) गठबंधन 58 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिसमें अकेले JMM 34 सीटों पर आगे है। वहीं, बीजेपी गठबंधन मात्र 22 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है।
‘मैया सम्मान योजना’ ने बदला खेल
झारखंड की राजनीति में महिला वोटरों का हमेशा से अहम योगदान रहा है। हेमंत सोरेन ने इसे भांपते हुए ‘मैया सम्मान योजना’ शुरू की।
योजना की खास बातें:
- शुरुआत की तारीख: 23 सितंबर, 2023
- लक्षित समूह: 21 से 50 साल की महिलाएं
- आर्थिक सहायता:
- पहले ₹1,000 प्रति महीना
- चुनाव से पहले बढ़ाकर ₹2,500 प्रति महीना
- लाभ:
- हर महीने 15 तारीख को खातों में सीधी रकम ट्रांसफर
- सालाना ₹30,000 की सहायता
चुनाव से ठीक पहले सहायता राशि बढ़ाने की घोषणा ने महिला वोटरों का रुख हेमंत सोरेन के पक्ष में कर दिया।
कोर्ट का बड़ा फैसला और जनता का विश्वास
योजना पर बैन लगाने की याचिकाओं को झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इस फैसले ने महिलाओं में सरकार के प्रति भरोसा और मजबूत कर दिया।
महिला वोटरों का दबदबा
चुनाव आयोग के अनुसार, 2024 के विधानसभा चुनाव में 67.74% मतदान हुआ, जिसमें महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से 5,51,797 अधिक रही।
महिला वोटिंग का विश्लेषण:
- 81 में 68 सीटें ऐसी थीं जहां महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया।
- महिला वोटरों का झुकाव JMM की तरफ स्पष्ट रूप से देखा गया।
बीजेपी को क्यों मिली हार?
- महिला वोटरों को साधने में असफलता।
- योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी।
- हेमंत सोरेन की रणनीतिक घोषणाओं का प्रभाव।
निष्कर्ष:
हेमंत सोरेन की ‘मैया सम्मान योजना’ ने झारखंड में राजनीति की दिशा बदल दी। यह योजना न केवल एक आर्थिक सहायता कार्यक्रम थी, बल्कि महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी। झारखंड में इस योजना का असर आने वाले वर्षों तक महसूस किया जाएगा।