नितिन गडकरी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को एकता का प्रतीक बताया। जानें महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर उनके विचार और कांग्रेस पर लगाए गए आरोप।
‘बंटेंगे तो कटेंगे’: नारे पर नितिन गडकरी का बयान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का बचाव करते हुए इसे “एकता का प्रतीक” बताया। उनका कहना है कि यह नारा देश को जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठाकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने का आह्वान करता है।
गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा,
“यह नारा सांप्रदायिक नहीं है और न ही किसी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाता है। यह भारतीयों की एकता और आतंकवाद के खिलाफ हमारे संकल्प को दर्शाता है।”
कांग्रेस पर तीखा हमला
नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष बीजेपी के खिलाफ भ्रम पैदा कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने गलत प्रचार किया कि बीजेपी संविधान बदलने की कोशिश करेगी।
गडकरी ने कहा,
“अगर किसी ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की है, तो वह कांग्रेस है। आपातकाल के दौरान संविधान में संशोधन कांग्रेस ने ही किया था।”
महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पर क्या बोले गडकरी?
महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा कि यह निर्णय बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व चुनाव परिणाम के बाद करेगा। उन्होंने कहा,
“मुख्यमंत्री तय करना मेरा काम नहीं है। यह चुनाव राज्य सरकार के प्रदर्शन और सुशासन पर आधारित होगा।”
बीजेपी की चुनावी रणनीति
गडकरी ने विपक्ष द्वारा उठाए गए बिटकॉइन धोखाधड़ी जैसे मुद्दों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी की चुनावी रणनीति विकास और सुशासन पर आधारित है। उन्होंने कहा,
“यह चुनाव पिछली और वर्तमान सरकार के प्रदर्शन के आधार पर होगा। जनता को तय करना है कि कौन बेहतर है।”
निष्कर्ष
नितिन गडकरी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को सांप्रदायिक नहीं, बल्कि एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कांग्रेस पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का चयन पार्टी नेतृत्व करेगा। यह बयान बीजेपी की चुनावी रणनीति को स्पष्ट करता है, जहां विकास और सुशासन पर जोर दिया जा रहा है।