Wednesday, March 12, 2025
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झांसी कॉलेज हादसा: अस्पताल की लापरवाही से 10 नवजातों की मौत, पीड़ितों ने मांगा डीएनए टेस्ट

झांसी कॉलेज हादसा: लापरवाही से 10 मासूमों की मौत

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू वार्ड में लगी भीषण आग से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। हादसे में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

फायर एक्सटिंग्विशर पाए गए एक्सपायर

घटना के बाद जारी तस्वीरों से पता चला है कि अस्पताल में मौजूद फायर एक्सटिंग्विशर 2020 और 2023 में ही एक्सपायर हो चुके थे। इन्हें रिफिल तक नहीं कराया गया था। ऐसे में आग बुझाने के कोई प्रभावी उपाय नहीं हो सके।

पीड़ित परिवारों का दर्द: “बच्चे का पता नहीं चला”

इस दर्दनाक हादसे के बाद पीड़ित परिवार अपने बच्चों को लेकर परेशान हैं।

  • कुलदीप नामक पीड़ित पिता ने बताया:

    “मैंने आग लगने के बाद खुद 4-5 बच्चों को बचाया, लेकिन मेरा बच्चा अब तक नहीं मिला। स्टाफ ने बचाव कार्य में ढिलाई बरती।”

  • माया नामक महिला ने कहा:

    “मेरी बेटी का बच्चा एनआईसीयू में भर्ती था। हादसे के बाद से कोई जानकारी नहीं दी गई और अस्पताल में हमें घुसने भी नहीं दिया जा रहा।”

  • अंकित ने कहा:

    “मेरे छोटे भाई के बेटे की मौत की घोषणा कर दी गई। लेकिन, हम डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं ताकि सच का पता चल सके।”

45 नवजातों को बचाया गया

जानकारी के मुताबिक, हादसे में 10 नवजातों की मौत हुई है जबकि 45 बच्चों को बचा लिया गया। हालांकि, पीड़ित परिवारों का आरोप है कि समय पर बचाव कार्य और सुरक्षा उपाय होते तो मौतें रोकी जा सकती थीं।

सीएम योगी की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया और जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है।

जरूरी सवाल

  • फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर क्यों थे?
  • हादसे के बाद स्टाफ ने तुरंत बचाव कार्य क्यों नहीं किया?
  • पीड़ित परिवारों को अभी तक बच्चों की स्थिति की जानकारी क्यों नहीं दी गई?
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