वक्फ संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक बयानबाजी के बीच अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पास हो सकेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के संशोधन का आश्वासन दिया था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे पारित करने में देरी होती दिखाई दे रही है।
वक्फ बिल पर संसदीय समिति की स्थिति
वक्फ संशोधन बिल को लेकर गठित संसद की संयुक्त समिति अभी अपनी कार्रवाई पूरी नहीं कर पाई है। कुछ राज्यों का दौरा और स्टेकहोल्डर्स से चर्चा अधूरी है। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के अनुसार, रिपोर्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है, लेकिन विपक्ष के साथ संवाद बनाए रखना प्राथमिकता है।
चुनावों का प्रभाव
विधानसभा चुनावों और उपचुनावों के कारण समिति के कई सदस्य बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। चुनावों के बाद ही समिति की फाइनल रिपोर्ट पूरी होने की संभावना है। इसके चलते शीतकालीन सत्र में बिल के पास होने पर संशय बरकरार है।
संयुक्त समिति की 25 बैठकें और देरी का कारण
अब तक संयुक्त समिति की 25 बैठकें हो चुकी हैं और एक दर्जन से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की जा चुकी है। परंतु, प्रक्रिया में और भी देरी की संभावना है क्योंकि समिति जल्दबाजी में रिपोर्ट नहीं देना चाहती ताकि विवादों से बचा जा सके।
संभावित देरी और बिल का भविष्य
सूत्रों के अनुसार, समिति की रिपोर्ट में एक महीने तक की देरी हो सकती है। इस स्थिति में शीतकालीन सत्र में बिल के पारित होने पर संदेह बढ़ गया है, और वक्फ संशोधन बिल का भविष्य फिलहाल अनिश्चित है।