भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी रोक: CCPA के नए दिशा-निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों द्वारा किए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों और झूठे दावों से बचाने के लिए उठाया गया है।
दिशा-निर्देशों की रूपरेखा
एक समिति द्वारा तैयार किए गए इन दिशा-निर्देशों में कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों में किसी भी प्रकार के भ्रामक दावे पर सख्ती से रोक लगाने का प्रावधान है। अब हर कोचिंग सेंटर के लिए इन दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा, और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य प्रतिबंध
- पाठ्यक्रम, शुल्क, चयन दर, और सफलता की कहानियाँ: कोचिंग सेंटरों को अब विज्ञापनों में इन दावों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं होगी।
- छात्रों की सफलता की कहानियाँ: बिना लिखित अनुमति के छात्रों की तस्वीरें, नाम, और सर्टिफिकेट का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करना: विज्ञापनों में छात्र की पूरी जानकारी बड़े अक्षरों में होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के छोटे अक्षरों से गुमराह न किया जा सके।
- जल्द दाखिला लेने के दबाव से बचाव: “सीटों की कमी” और “आज ही दाखिला लें” जैसे विज्ञापनों पर कड़ी नजर रहेगी।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ने का निर्देश
हर कोचिंग सेंटर को अब राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना अनिवार्य होगा, ताकि छात्रों के पास शिकायत दर्ज करने और अनुचित विज्ञापनों की जानकारी देने का विकल्प रहे।
दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर कार्रवाई
यदि कोई कोचिंग सेंटर इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। CCPA को विज्ञापन बंद कराने, जुर्माना लगाने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का पूरा अधिकार है।
पिछले मामलों पर कार्रवाई
CCPA ने पहले ही कई कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई करते हुए 45 नोटिस जारी किए हैं और 18 संस्थानों पर लाखों का जुर्माना लगाया है। यह कदम छात्रों के शोषण को रोकने और उन्हें भ्रामक प्रचार से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।