Sunday, June 8, 2025
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प्रयागराज से दिल्ली तक छात्रों का हल्लाबोल: ‘वन डे-वन शिफ्ट’ की मांग पर सख्त रुख

UPPSC छात्रों का हल्लाबोल: ‘वन डे-वन शिफ्ट’ की मांग पर सरकार से टकराव

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाओं में वन डे-वन शिफ्ट की नीति की मांग करते हुए, प्रयागराज और दिल्ली में सैकड़ों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाने से उम्मीदवारों के साथ न्याय नहीं हो रहा है।

प्रदर्शन की शुरुआत और कारण

यह विरोध 1 जनवरी 2024 से शुरू हुआ, जब UPPSC ने अपर सब-ऑर्डिनेट सर्विस (PCS) परीक्षा की तारीख का नोटिफिकेशन जारी किया था। तारीखों में बार-बार बदलाव और अस्थिर परीक्षा आयोजन से छात्रों में नाराजगी बढ़ गई। इसके बाद, RO/ARO भर्ती परीक्षा में भी अनियमितताओं की शिकायतें आईं, जिससे छात्रों का गुस्सा और बढ़ा।

RO/ARO भर्ती परीक्षा विवाद

11 फरवरी को आयोजित RO/ARO परीक्षा में परीक्षा लीक होने की खबरों ने छात्रों को निराश किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे छह महीने में पुनः आयोजित करने का आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं हो पाई है, जिससे छात्रों का रोष बढ़ गया है।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के प्रति छात्रों का असंतोष

UPPSC ने दो शिफ्ट परीक्षा के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लिया है। नॉर्मलाइजेशन के तहत, प्रत्येक शिफ्ट के कठिनाई स्तर को संतुलित किया जाता है ताकि विभिन्न शिफ्ट में बैठे छात्रों के अंकों में समानता बनाई जा सके। लेकिन, छात्रों का मानना है कि यह प्रक्रिया असमानता और असंतोष को बढ़ावा देती है।

क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?

नॉर्मलाइजेशन के तहत, परीक्षा में एक छात्र के अंकों को उसकी शिफ्ट के अन्य छात्रों के औसत अंकों के आधार पर पर्सेंटाइल स्कोर में बदल दिया जाता है। जैसे कि किसी शिफ्ट में पेपर आसान हो और दूसरी में कठिन, तो कठिन शिफ्ट के छात्रों के अंकों में समायोजन किया जाता है ताकि सभी शिफ्टों के अंकों को एक समान पैमाने पर लाया जा सके।

छात्रों की मांग: वन डे-वन शिफ्ट

छात्रों का कहना है कि अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से, पेपर की कठिनाई में अंतर आता है, जिससे उनके अंकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस कारण वे एक दिन में एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं, जिससे सभी छात्रों के लिए एक समान माहौल बन सके।

सरकार और आयोग के प्रति छात्रों की नाराजगी

छात्रों का कहना है कि आयोग की तिथि परिवर्तनों और परीक्षा स्थगन से उनकी तैयारी पर नकारात्मक असर पड़ा है। अब छात्रों का रुख सख्त हो गया है, और वे अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखने का मन बना चुके हैं।

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