सीएम योगी का खरगे को जवाब: ‘मैं एक योगी हूं, मेरे लिए देश पहले है’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के विवादित बयान का कड़ा जवाब दिया। खरगे ने यूपी के सीएम योगी और संतों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें समाज में “नफरत फैलाने वाला” बताया था, जिसके जवाब में योगी ने अपने एकता और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया।
खरगे का बयान और बढ़ता विवाद
झारखंड में दिए गए एक भाषण में खरगे ने आरोप लगाया था कि कई साधु-राजनेता गेरुआ वस्त्र पहनकर समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “साधु ऐसा बयान नहीं दे सकते, ये बात आतंकी कह सकते हैं।” खरगे के इस बयान के बाद भाजपा और संत समाज ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं, इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया।
योगी का पलटवार: ‘देश पहले, तुष्टिकरण नहीं’
महाराष्ट्र के अचलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, “मैं एक योगी हूं, और एक योगी के लिए देश पहले होता है। कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण की नीति पहले है।” योगी ने इस बयान से खरगे पर देश को बांटने और समाज में विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस पर भाजपा नेताओं का हमला
खरगे के बयान के बाद भाजपा के अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कांग्रेस को हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का विरोधी बताया। उन्होंने कांग्रेस की तुलना मुगल आक्रांताओं से करते हुए कहा कि पार्टी का इतिहास समाज में दरार डालने का रहा है।
ओम प्रकाश राजभर, जो भाजपा के सहयोगी दल से हैं, ने कहा कि कांग्रेस सत्ता के लिए समाज को बांटने की नीति पर काम करती रही है। उन्होंने कांग्रेस को भारतीय समाज की एकता के लिए खतरा बताया।
संत समाज और सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से संत समाज और सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ी है। भाजपा नेताओं ने इस बयान को कांग्रेस की पुरानी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए इसे भारतीय संस्कृति का अपमान बताया। संत समाज ने इसे हिंदू धर्म की मान्यताओं के खिलाफ बताते हुए खरगे से माफी की मांग की है।
राजनीतिक हलकों में गरमाया माहौल
महाराष्ट्र चुनावों के बीच यह विवाद कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। एक ओर जहां कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ पर सवाल उठाए, वहीं भाजपा ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति और हिंदू समाज के विभाजन का प्रयास बताया है।