Donald Trump’s Policies for USA : ट्रंप के बदले की आग में कौन-कौन झुलसेगा? अमेरिका में चुनावी रिजल्ट के बाद खौफनाक अटकलों की सुनामी
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों के बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं। 2020 में जो बाइडन से हारने के बाद इस बार दोबारा राष्ट्रपति पद पर पहुंचकर ट्रंप ने इतिहास रच दिया है। लेकिन उनकी जीत के बाद खौफनाक अटकलों की सुनामी उठ चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप कई बार तानाशाह न होने की बात दोहराते नजर आए थे, परंतु उन्होंने यह भी संकेत दिए कि वह एक दिन के लिए तानाशाह बन सकते हैं और कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं।
तानाशाह बनने का संकेत: क्या हो सकते हैं ट्रंप के फैसले?
ट्रंप ने अपनी प्रचार रैलियों में कई बार कहा कि वह तानाशाह नहीं हैं, परंतु एक दिन के लिए तानाशाह बन सकते हैं। इस बयान के पीछे यह संभावना है कि वह कठोर निर्णय लेने वाले हैं। उनकी प्राथमिकताओं में संसद हमलावरों की रिहाई और आव्रजन पर सख्त कदम शामिल हो सकते हैं।
विक्ट्री स्पीच में ट्रंप का मोटो
अपने विक्ट्री स्पीच में ट्रंप ने कहा कि वह अगले चार साल तक “देश की सेवा” के लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे। यह मोटो ट्रंप की कठोर नीतियों की ओर इशारा करता है, जिसमें वह अपने एजेंडे को हर हाल में पूरा करने की दिशा में काम करेंगे।
संसद हमलावरों की रिहाई का फैसला
ट्रंप ने अपने प्रचार के दौरान यह भी संकेत दिया कि वह अमेरिकी संसद पर हमले के दोषियों को रिहा करने का फैसला ले सकते हैं। यह कदम उनके उन समर्थकों को खुश करने का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2020 में चुनाव हारने के बाद व्हाइट हाउस छोड़ने को तैयार नहीं थे और संसद पर हमला किया था।
इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
इमिग्रेशन की समस्या के मुद्दे पर ट्रंप हमेशा से मुखर रहे हैं। इस बार उन्होंने पेंसिल्वेनिया की एक रैली में कहा कि वह इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू करेंगे। इस प्रोग्राम का मकसद अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लाखों लोगों को वापस भेजना है। उनके इस कदम से अमेरिका में आव्रजन नीतियों में सख्ती आने की संभावना है।