दाऊदी बोहरा समुदाय की वक्फ कानून से बाहर रहने की अपील
दाऊदी बोहरा समुदाय ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति से अपील की है कि उन्हें किसी भी वक्फ बोर्ड के दायरे से बाहर रखा जाए। समुदाय के अनुसार, वक्फ बोर्ड की शक्तियाँ उनकी विशिष्ट धार्मिक मान्यताओं और संरचना को कमजोर करती हैं।
समुदाय की तरफ से विशेष आग्रह
समिति के समक्ष दाऊदी बोहरा समुदाय का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में चल रही समिति के समक्ष इस समुदाय की विशिष्टता और उसके अधिकारों की रक्षा के लिए अपना पक्ष रखा।
वक्फ कानून से बाहर रखने की मांग
यह पहली बार है जब मुस्लिम समुदाय के किसी संप्रदाय ने वक्फ कानून से बाहर रहने की मांग की है। समुदाय के अनुसार, उनके मामलों का प्रबंधन अन्य समुदायों की तरह विनियमित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपनी धार्मिक मान्यताओं और आवश्यक प्रथाओं के अनुसार संपत्तियों के प्रबंधन का अधिकार मांगा है।
अदालती निर्णयों का हवाला
दाऊदी बोहरा समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी हवाला दिया, जिनमें उनकी विशिष्ट संरचना को मान्यता दी गई है। हरीश साल्वे ने इस समुदाय के विशेष नेतृत्व ‘अल-दाई अल-मुतलक’ का उल्लेख करते हुए बताया कि इस समुदाय की संपत्तियों में वक्फ बोर्ड का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
विपक्षी दलों की आपत्ति
विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से कमेटी के चेयरमैन पर आरोप लगाते हुए निष्पक्षता की मांग की है।