झारखंड में CBI का बड़ा एक्शन: नींबू पहाड़ इलाके में 16 जगह रेड, अवैध खनन से जुड़ा मामला
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अवैध खनन केस में बड़ा ऐक्शन लिया है। CBI ने मंगलवार, 5 नवंबर 2024 को साहिबगंज के नींबू पहाड़ इलाके में तीन राज्यों के 16 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों के मुताबिक, इस रेड के दौरान करीब 50 लाख कैश, 1 किलो सोना और कुछ चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में अवैध खनन मामले को लेकर हुई है।
CBI की छापेमारी से जुड़े मुख्य तथ्य
- तीन राज्यों में रेड: झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में 16 स्थानों पर छापेमारी की गई।
- कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज: अवैध खनन से जुड़े इस मामले में कोर्ट के आदेश पर नवंबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया गया था।
- 50 लाख नकदी और सोने-चांदी की जब्ती: CBI की इस रेड में 50 लाख रुपए नकद, 1 किलो सोना और चांदी के जेवरात बरामद किए गए।
- प्रमुख स्थान: झारखंड के साहिबगंज, रांची, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और पटना (बिहार) में CBI की टीमें सक्रिय रहीं।
किन-किन जगहों पर हुई छापेमारी?
CBI ने साहिबगंज के साथ पाकुड़ और राजमहल जिलों में भी इस केस में छापेमारी की। CBI ने जिनके ठिकानों पर रेड की, वे पंकज मिश्रा के करीबी माने जा रहे हैं। साहिबगंज में CBI ने 11 स्थानों, रांची में 3, कोलकाता में एक और पटना में एक स्थान पर कार्रवाई की। यह सभी जगहें अवैध खनन और इससे जुड़े कथित नेटवर्क का हिस्सा मानी जा रही हैं।
साहिबगंज में छापेमारी से जुड़े नाम:
- राजमहल उधवा से महताब आलम
- मिर्जाचौकी से रंजन वर्मा और संजय जायसवाल
- बरहरवा से सुब्रतो पाल और भगवान भगत
- टिंकल भगत, अवध किशोर सिंह उर्फ पतरु सिंह
- कृष्णा शाह
इसके अलावा, रांची में CBI की टीम प्रेम प्रकाश के घर भी पहुंची। प्रेम प्रकाश के सीए जयपुरियार के घर और नामकुम की एक यूनिवर्सिटी और अस्पताल में भी छापेमारी की गई। इन स्थानों पर भी भारी मात्रा में नकदी मिलने की खबरें हैं।
CBI का ऐक्शन क्यों जरूरी?
इस छापेमारी का उद्देश्य राज्य में बढ़ रहे अवैध खनन से जुड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाना है। झारखंड में अवैध खनन लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा रहा है, और इसके जरिए होने वाली आर्थिक हानि सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अवैध खनन घोटाला 1200 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले इस बड़े ऐक्शन का असर चुनावी माहौल पर भी देखा जा सकता है।
आर्थिक नुकसान और प्रशासन की कोशिशें
झारखंड में अवैध खनन से सरकारी खजाने को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है। राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों ने समय-समय पर इन मामलों को नियंत्रित करने का प्रयास किया है। इसके बावजूद इस काले धंधे में शामिल लोगों के जाल को तोड़ना अब तक एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। CBI की यह कार्रवाई अवैध खनन माफिया पर नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
चुनावी माहौल पर असर
CBI का यह ऐक्शन चुनाव से पहले झारखंड की राजनीतिक सरगर्मियों में हलचल बढ़ा सकता है। अवैध खनन के मामलों में बड़े स्तर पर रेड से जनता में यह संदेश जा सकता है कि राज्य में काले धंधों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रेड का चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ता है, और क्या इससे राज्य में अवैध खनन को नियंत्रित करने में कोई सफलता मिल पाती है या नहीं।
निष्कर्ष
झारखंड में चुनावी समय के करीब CBI की इस रेड से राज्य में अवैध खनन से जुड़े माफिया और काले धंधे पर शिकंजा कसने का प्रयास किया जा रहा है। यह ऐक्शन दिखाता है कि सरकार और जांच एजेंसियां इन मामलों को गंभीरता से ले रही हैं। इस रेड के परिणामस्वरूप मिली नकदी और जेवरात के बाद, राज्य में इस मुद्दे पर बहस और सख्त कदमों की उम्मीद भी की जा रही है।