कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले के बाद वीएचपी का ट्रूडो को कड़ा संदेश
कनाडा में हाल ही में हुए हिंदू मंदिर पर हमले के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस हमले की निंदा करते हुए इसे खालिस्तानी समर्थकों की साजिश बताया है और कनाडा की सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, पर इसकी अनदेखी का आरोप लगाया है। आलोक कुमार ने 4 अक्टूबर को बयान जारी कर यह भी कहा कि भारतीय दूतावास ने हमले की संभावना को लेकर पहले ही कनाडा सरकार को सूचित किया था और सुरक्षा की मांग की थी, जिसे नज़रअंदाज कर दिया गया।
ट्रूडो का बयान और खोखले वादे
दीपावली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने बयान में कहा था कि “इंडो-कैनेडियन समुदाय कनाडा का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करता है,” और यह भी कि उनकी सरकार हिंदू कनाडाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। वीएचपी ने कहा कि ट्रूडो के यह वादे खोखले साबित हुए हैं। वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है; इससे पहले भी ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया, और ब्रैंपटन में हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं।
ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट और खालिस्तानी समर्थन
वीएचपी ने यह भी आरोप लगाया कि जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तानी समर्थकों के प्रति रुख कनाडा में उनकी राजनीति का एक हिस्सा बन चुका है, जिससे उनकी लोकप्रियता में कमी आई है। वीएचपी ने यह भी दावा किया कि ट्रूडो की कुर्सी खालिस्तानी समर्थक सांसदों के समर्थन पर टिकी है, जिसके कारण उन्होंने खुला समर्थन खालिस्तानियों को दिया है। इसके परिणामस्वरूप, भारत और कनाडा के बीच संबंधों में भी तनाव बढ़ा है।
वीएचपी की चेतावनी: आत्मरक्षा का अधिकार
आलोक कुमार ने कनाडा की वर्तमान सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि हिंदुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो वहां रहने वाले हिंदुओं को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है और वे इसका इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेंगे।
मुख्य बातें:
- हमला: खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदू मंदिर पर हमला
- वीएचपी का रुख: कनाडा सरकार की अनदेखी पर सवाल
- प्रधानमंत्री ट्रूडो का बयान: हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर खोखले वादे
- राजनीतिक समर्थन: ट्रूडो की खालिस्तानी समर्थकों पर निर्भरता
- चेतावनी: हिंदुओं का आत्मरक्षा का अधिकार