सीएम योगी का महाराष्ट्र तक जलवा! इस नारे की गूंज और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा “बंटेंगे तो कटेंगे” राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इस नारे की गूंज अब महाराष्ट्र तक सुनाई दे रही है, जहां बीजेपी नेता विश्वबंधु राय ने मुंबई में कई जगहों पर योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों के साथ बड़ी होर्डिंग्स लगवाईं। इस नारे और होर्डिंग्स के जरिए उन्होंने विपक्षी दलों की राजनीति का विरोध जताया है, जो उनके अनुसार, समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।
होर्डिंग्स और राजनीतिक संदेश
बीजेपी नेता विश्वबंधु राय ने मुंबई में लगाए गए इन होर्डिंग्स के जरिए कहा कि विपक्ष बांटने की राजनीति कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में उत्तर भारत के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और इस नारे के जरिए बीजेपी आगामी चुनावों में उनके समर्थन की उम्मीद कर रही है। राय ने यह भी उल्लेख किया कि किस तरह विपक्ष ने लोकसभा चुनावों में वोट जिहाद की राजनीति की थी, जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा था। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से हरियाणा चुनाव की तरह एकजुट होकर बीजेपी का समर्थन करने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख की प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले कानपुर में एक जनसभा के दौरान “बंटेंगे तो कटेंगे” नारा दिया था, जो जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में भी सुर्खियों में आ गया। पीएम मोदी ने हरियाणा चुनाव के दौरान इस नारे को दोहराया था और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इसी से मिलती-जुलती बात कही थी। उनका संदेश स्पष्ट था—समाज को बांटने वाली राजनीति का विरोध करना और एकजुटता बनाए रखना।
महाराष्ट्र में योगी की छवि
योगी आदित्यनाथ की छवि एक सख्त और मजबूत नेता की बन गई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी नीतियों और नेतृत्व को देशभर में सराहा जा रहा है, और अब यह महाराष्ट्र में भी चर्चा का विषय बन चुका है। “बंटेंगे तो कटेंगे” नारा उनके इसी सख्त नेतृत्व और सामाजिक एकता के संदेश को दर्शाता है, जिसे बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में भी प्रमुख रूप से उठाने की योजना बना रही है।
नारे का राजनीतिक प्रभाव
इस नारे के जरिए बीजेपी महाराष्ट्र चुनावों में एक नई दिशा देने का प्रयास कर रही है। उत्तर भारतीय समुदाय, जो मुंबई और अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में बसते हैं, को प्रभावित करने का यह एक स्पष्ट प्रयास माना जा रहा है। साथ ही, इस नारे के माध्यम से बीजेपी विपक्ष पर भी निशाना साध रही है, जिसे वह समाज को बांटने का आरोप लगा रही है।
निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ का नारा “बंटेंगे तो कटेंगे” अब यूपी से बाहर महाराष्ट्र तक पहुंच चुका है, और इसका प्रभाव आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है। इस नारे को लेकर बीजेपी एक नई चुनावी रणनीति बना रही है, जिसमें उत्तर भारतीय समुदाय के समर्थन के साथ-साथ विपक्षी दलों की विभाजनकारी राजनीति का विरोध भी शामिल है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नारा महाराष्ट्र चुनावों में किस हद तक सफल होता है और इसका व्यापक प्रभाव क्या होगा।