दिल्ली के पार्क में बड़ा हादसा: ओपन जिम का उपकरण गिरने से मासूम की मौत, बांसुरी स्वराज ने उठाए सवाल
पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां एक चार साल के बच्चे की जान चली गई। यह घटना तब हुई जब एक पार्क में लगे ओपन जिम के उपकरण बच्चे की छाती पर गिर गए। बच्चे की पहचान मास्टर अरविंद के रूप में हुई है, जिसकी मौत से पूरे इलाके में शोक और गुस्सा है।
पिता सऊदी अरब में मजदूर, मां गृहिणी
मृतक मासूम के पिता सऊदी अरब में मजदूर के रूप में काम करते हैं, जबकि उसकी मां गृहिणी है। इस हृदयविदारक घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
घटना की जानकारी
डीसीपी पश्चिम, विचित्र वीर के अनुसार, रविवार को मोती नगर थाने में एक कॉल आई थी, जिसमें बताया गया कि आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल में एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया है। जांच में पता चला कि मासूम पार्क में ओपन जिम के साथ खेल रहा था, तभी एक उपकरण उसके सीने पर गिर गया और वह बेहोश हो गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लापरवाही का मामला दर्ज
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने लापरवाही के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है।
एमसीडी और डीडीए पर सवाल
इस हादसे के बाद से एमसीडी और डीडीए पर सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि यह एमसीडी की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने पार्कों के रखरखाव पर सवाल उठाए और मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की।
बांसुरी स्वराज की प्रतिक्रिया
बांसुरी स्वराज ने बताया कि पिछले साल भी इसी इलाके में ऐसी ही घटना हुई थी, जो साफ तौर पर दिखाता है कि पार्कों का रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने स्थानीय बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की।
342 स्थानों पर ओपन जिम, सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में 342 स्थानों पर ओपन जिम लगाए गए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कर्ष
यह हादसा उन खामियों की ओर इशारा करता है जो पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था में बरती जा रही हैं। ऐसे हादसे न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि मासूमों की सुरक्षा के प्रति एक गंभीर चेतावनी भी देते हैं।