‘दुर्बल रहना अपराध’: मोहन भागवत का हिंदुओं के लिए बड़ा संदेश
Mohan Bhagwat: विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशम बाग मैदान में ‘शस्त्र पूजन’ किया। इस मौके पर उन्होंने हिंदुओं को संगठित और सशक्त रहने का संदेश दिया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, अवैध घुसपैठ और देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी चिंता जाहिर की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, और पूर्व ISRO प्रमुख के. सिवन जैसे गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के हिंदू समाज को संगठित होकर अपने बचाव के लिए कदम उठाने पड़े। उन्होंने कहा कि जब तक वहां कट्टरपंथी सोच मौजूद है, तब तक अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा पर खतरा बना रहेगा।
अवैध घुसपैठ का मुद्दा
भागवत ने बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ के कारण उत्पन्न जनसंख्या असंतुलन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह भारत की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने भारत सरकार और वैश्विक हिंदू समाज से आग्रह किया कि वे बांग्लादेशी हिंदुओं की मदद के लिए आगे आएं।
हिंदू समाज को संगठित रहने का संदेश
भागवत ने कहा कि असंगठित और दुर्बल रहना अत्याचारों को आमंत्रण देना है। उन्होंने हिंदू समाज से आग्रह किया कि वे सशक्त और संगठित रहें, ताकि उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों का सामना कर सकें।
स्वामी दयानंद का योगदान
अपने संबोधन में भागवत ने स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत के पुनरुत्थान के पीछे उनका महान योगदान रहा है। स्वामी दयानंद ने धर्म और समाज की जागृति के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
युवाओं और देश के उत्थान पर जोर
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में युवाओं को धर्म और संस्कृति के सही अर्थ समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ रही है। लेकिन कुछ शक्तियां भारत को पीछे खींचने की कोशिश कर रही हैं, जिनका सामना करने के लिए युवाओं को जागरूक होना चाहिए।