हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: 14 सीटों पर ‘वोट कटवा’ से हारी कांग्रेस, 5 सीटों पर AAP ने बिगाड़ा खेल
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार (8 अक्टूबर 2024) को घोषित किए गए। हरियाणा में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाया, 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
कई सीटों पर कांग्रेस की हार का अंतर मामूली था और इन सीटों पर ‘वोट कटवा’ उम्मीदवारों ने समीकरण बिगाड़ दिए। हरियाणा में ऐसी 19 सीटें थीं जहां कांग्रेस जीती हुई बाजी हार गई। इनमें से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवारों की वजह से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ।
इन 5 सीटों पर AAP ने बदला समीकरण:
- उचाना कलां: AAP के उम्मीदवार पवन फौजी को 46,473 वोट मिले, जबकि बीजेपी के देवेंदर चटर भुज ने केवल 32 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
- डबवाली: यहां INLD के आदित्य देवीलाल ने 610 वोटों से कांग्रेस के अमित को हराया। AAP के कुलदीप सिंह को 6,606 वोट मिले।
- दादरी: बीजेपी के सुनील सतपाल सांगवान ने 1,957 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया। AAP के धनराज सिंह को 64,229 वोट मिले।
- महेंद्रगढ़: बीजेपी के कंवर सिंह ने 2,648 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया। AAP के डॉ. मनीष यादव को 61,296 वोट मिले।
- असंध: बीजेपी के योगेंद्र सिंह राणा ने 2,306 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। AAP को 4,290 वोट मिले।
14 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बिगाड़ा खेल:
कांग्रेस की हार की वजह कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले वोट भी रहे। इन 14 सीटों पर कांग्रेस हार के अंतर से अधिक वोट निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ।
- महेंद्रगढ़: कांग्रेस के प्रत्याशी 2,648 वोटों से हारे, जबकि निर्दलीय संदीप सिंह को 20,834 वोट मिले।
- समालखा: कांग्रेस उम्मीदवार 61,978 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि निर्दलीय रविंदर मछरौली को 21,132 वोट मिले।
- कालका: बीजेपी की शक्ति रानी शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को हराया, जबकि निर्दलीय गोपाल सुखोमाजरी को 31,688 वोट मिले।
- बधरा: बीजेपी के उमेद सिंह ने कांग्रेस के सोमवीर सिंह को 7,585 वोटों से हराया, निर्दलीय सोमवीर घासोला को 26,730 वोट मिले।
- यमुनानगर: बीजेपी के घनश्याम दास ने कांग्रेस के रमन त्यागी को 22,437 वोटों से हराया, जबकि निर्दलीय कपिल को 278 वोट मिले।
कुल मिलाकर, हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘वोट कटवा’ और निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका ने कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए, जिससे बीजेपी को सत्ता में बने रहने का मौका मिला।