देर आए, दुरुस्त आए! आज PM मोदी से मुइज्जू की मुलाकात, भारत से चाहते क्या हैं?
मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस समय अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर भारत में हैं, जो दोनों देशों के संबंधों के लिए अहम मानी जा रही है। 7 अक्टूबर को उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात होगी, जिससे मालदीव की कई अपेक्षाओं पर चर्चा की जाएगी।
मालदीव-भारत संबंधों में क्या है खास?
मालदीव भारत के लिए हमेशा से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है, खासकर हिन्द महासागर में अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण। राष्ट्रपति मुइज्जू का यह दौरा मालदीव की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मालदीव इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और भारत से आर्थिक मदद की अपेक्षा कर रहा है।
मुइज्जू की भारत यात्रा के मुख्य बिंदु:
- औपचारिक स्वागत: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
- आर्थिक मदद: मालदीव के राष्ट्रपति भारत से और अधिक आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि मालदीव का आर्थिक संकट अभी भी खत्म नहीं हुआ है। भारत पहले ही 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता कर चुका है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों के लिए दी गई थी।
- एंटी इंडिया कैंपेन का मुद्दा: चुनाव प्रचार के दौरान मुइज्जू ने भारत के खिलाफ एंटी इंडिया कैंपेन चलाया था, जिससे यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस दौरे में दोनों देशों के बीच क्या समझौते होते हैं।
विदेश मंत्रालय का बयान:
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालिक, व्यापक द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करेगी। इसके साथ ही मुइज्जू और मोदी के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी, जिससे दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों को नया बल मिलेगा।
भारत से उम्मीदें:
मालदीव अपने आर्थिक संकट से उबरने के लिए भारत से और सहायता की उम्मीद कर रहा है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और विकास परियोजनाओं में। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच नए समझौते होने की संभावना है, जिससे मालदीव को आर्थिक राहत मिल सके।