दिल्ली सचिवालय में बस मार्शलों ने बीजेपी विधायकों को रोका, मचा जमकर हंगामा, देखें वीडियो
Delhi Latest News: दिल्ली सचिवालय में बस मार्शलों की नौकरी को लेकर शनिवार को जोरदार हंगामा हो गया। हंगामे की शुरुआत तब हुई जब इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री आतिशी के साथ चल रही बैठक को बीच में छोड़कर बीजेपी विधायक बाहर जाने लगे।
दरअसल, बस मार्शलों की नौकरी पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक में जब बीजेपी विधायक उठकर बाहर जाने लगे, तो वहां तैनात मार्शलों ने उन्हें रोक लिया। यही नहीं, मार्शलों ने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से यह भी कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार के मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के दफ्तर जाना चाहिए। जब बीजेपी विधायकों ने इसे मानने से इनकार कर दिया, तो वहां हंगामा खड़ा हो गया।
बस मार्शलों ने बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता से पूछा क्यों नहीं आए LG के पास?
सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी विधायकों के सामने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी लोग एक साथ उपराज्यपाल (LG) के पास चलें। लेकिन बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस पर आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार की पूरी कैबिनेट यहां मौजूद है, और यही पर प्रस्ताव लाया जाएगा। इसी समय सभी के हस्ताक्षर होंगे।
क्या है बस मार्शल विवाद?
दिल्ली में डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) के बस मार्शलों को नौकरी से निकाले जाने के बाद से उनकी बहाली की मांग जोर पकड़ रही है। अब चुनाव नजदीक होने के कारण इस मुद्दे पर बीजेपी और आप के बीच श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट को मार्शलों की नौकरी पर बहाली की मंजूरी देनी चाहिए। इसके बाद एलजी से मंजूरी दिलवाने की जिम्मेदारी हम पर होगी।
विजेंद्र गुप्ता ने यह भी बताया कि 26 सितंबर को विधानसभा में बीजेपी ने एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि डीटीसी की बसों में तैनात मार्शलों को परमानेंट किया जाना चाहिए।
बीजेपी ने आप पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी सड़कों पर नाटक कर रही है और जनता को भ्रमित कर रही है। बीजेपी विधायकों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पहले मार्शलों की नौकरी छीन ली और अब चुनाव के नजदीक आते ही इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। बीजेपी ने मांग की है कि दिल्ली सरकार कैबिनेट की बैठक बुलाकर मार्शलों की नौकरी बहाली को मंजूरी दे, और एलजी से अप्रूवल की जिम्मेदारी वे खुद लेंगे।