मुख्य बिंदु:
- बांग्लादेश ने भारत सहित 5 देशों के राजदूतों को वापस बुलाया।
- भारत के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान को ढाका वापस बुलाया गया।
- शेख हसीना के इस्तीफे और भारत में शरण लेने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी।
- मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के दौरान अल्पसंख्यक समूहों पर हमलों की घटनाएं हुईं।
- भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्तों को मजबूत बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ लिया कड़ा कदम, अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया
भारत-बांग्लादेश संबंधों में हाल ही में तनाव देखने को मिला है, जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सहित 5 देशों के राजदूतों को तत्काल ढाका वापस बुलाने का आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत भारत के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान को भी वापस बुला लिया गया है।
किन देशों के राजदूत हुए प्रभावित?
इस आदेश में भारत के अलावा संयुक्त राष्ट्र, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजनयिकों को भी वापस बुलाया गया है। यह निर्णय बांग्लादेश की विदेश सेवा में आंतरिक असंतोष का संकेत हो सकता है, क्योंकि ये नियुक्तियां राजनीतिक आधार पर नहीं की गई थीं।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बदले हालात
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और भारत में शरण लेने के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर हो गई है। 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शनों के चलते हसीना ने इस्तीफा दिया, जिसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इस बीच, देश में अल्पसंख्यक समूहों पर हमलों की खबरें भी सामने आई हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता के समय भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच साझा 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा और ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह कदम महत्वपूर्ण हो सकता है।