प्रमुख बिंदु:
- चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है।
- सीमा पर शांति और स्थिरता भंग होने के कारण तनाव बरकरार है।
- पश्चिमी देशों ने चीन की आर्थिक प्रगति में मदद की है।
- चीन के साथ व्यापारिक संबंध अब राजनीतिक रिश्तों से स्वतंत्र हैं।
S Jaishankar US Visit: चीन ने भारत के साथ सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 1 अक्टूबर 2024 को कहा कि चीन ने भारत के साथ हुए सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ा है। यह टिप्पणी उन्होंने ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक टैंक’ में एक सवाल के जवाब में दी।
सीमा पर शांति और स्थिरता का उल्लंघन
एस जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन के बीच शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कई समझौते हुए थे, लेकिन चीन ने उनका उल्लंघन किया है। सीमा पर भारतीय और चीनी सेनाओं की तैनाती के कारण तनाव बना हुआ है, और जब तक इस तनाव का हल नहीं निकाला जाता, दोनों देशों के संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
पश्चिमी देशों ने चीन की मदद की
जयशंकर ने यह भी बताया कि चीन की आर्थिक और व्यापारिक शक्ति इसलिए बढ़ी क्योंकि पश्चिमी देशों ने कई दशकों से उसके साथ आर्थिक साझेदारी की है। इस सहयोग ने चीन को वैश्विक विनिर्माण में लगभग 31-32 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल करने में मदद की है।
चीन से व्यापारिक संबंध और वैश्विक मजबूरी
आज के समय में, कोई भी देश जो उत्पादन या खपत में शामिल है, उसे चीन से आउटसोर्सिंग करना पड़ता है। जयशंकर ने कहा कि व्यापारिक संबंध राजनीतिक संबंधों से लगभग अलग हो चुके हैं। कुछ देश इस व्यापारिक निर्भरता को जोखिम के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।
संबंधों में सुधार की उम्मीद
एस जयशंकर ने कहा कि जब तक चीन के साथ सीमा विवाद सुलझ नहीं जाता, तब तक दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध स्थापित नहीं हो सकते। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन को सीमा पर शांति और स्थिरता के लिए किए गए समझौतों का सम्मान करना चाहिए।