क्या डॉक्यूमेंट्स तक सीमित रह जाएगा SAARC? भारत ने ठुकराया पाकिस्तान समेत पड़ोसी देशों का प्रस्ताव
SAARC Latest News: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है, क्योंकि हाल ही में इंडिया ने सार्क को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। यह प्रस्ताव नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों की ओर से रखा गया था। न्यू यॉर्क में आयोजित यूएनजीए समिट से इतर सार्क के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इस पहल को सामने रखा गया, लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया।
भारत का रुख और पाकिस्तान की भूमिका
भारत ने दो टूक कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक वह सार्क को पुनर्जीवित करने के किसी भी प्रयास में हिस्सा नहीं लेगा। सार्क की बैठकों में सभी सदस्य देशों की सहमति आवश्यक होती है, और एक भी देश मना कर दे तो बैठक नहीं हो सकती। इस प्रकार, भारत के इनकार के बाद सार्क के पुनरुद्धार की संभावना कम हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाकिस्तान को घेरा
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 79वीं बैठक में पाकिस्तान की आतंकवादी नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियां कभी सफल नहीं हो सकतीं और उसकी जीडीपी कट्टरता पर आधारित है।
सार्क का इतिहास और उद्देश्य
सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को ढाका में की गई थी, जिसमें दक्षिण एशिया के आठ देश – अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, और श्रीलंका शामिल हैं। संगठन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना था। इसका सचिवालय नेपाल के काठमांडू में स्थित है।