दिल्ली: शाही ईदगाह में लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, माफी पत्र स्वीकार
दिल्ली के शाही ईदगाह के पास स्थित पार्क में रानी लक्ष्मी बाई की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद पैदा हो गया था। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह प्रबंध समिति को कड़ी फटकार लगाई, जिसके बाद समिति ने कोर्ट से लिखित माफी मांगी। हाई कोर्ट ने इस माफीनामे को स्वीकार कर लिया है।
समिति के वकील ने कहा कि वे संशोधित याचिका दाखिल कर रहे हैं। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पार्क को डीडीए की संपत्ति बताया था, जिसके खिलाफ ईदगाह कमेटी ने डबल बेंच में अपील की थी। डबल बेंच ने याचिका में सांप्रदायिक भाषा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई, जिसके बाद माफी दाखिल की गई। ईदगाह-डीडीए मामले में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर (शुक्रवार) को होगी।
कोर्ट ने कहा, “रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति से नमाज पढ़ने में क्या दिक्कत है? रानी लक्ष्मीबाई कोई धार्मिक हस्ती नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय नायिका हैं।” कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि डीडीए की जमीन पर लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाई जाएगी, और ईदगाह का इससे कोई लेनादेना नहीं है। प्रतिमा रानी झांसी फ्लाईओवर के पास गोल चक्कर पर स्थित है, जिसे लक्ष्मी बाई स्मारक समिति ने स्थापित किया है।
वक्फ बोर्ड ने डीडीए के पार्क पर अपना दावा पेश किया था और कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पार्क में काम पर 19 सितंबर तक रोक लगा दी थी। हालांकि, बाद में फैसला डीडीए के पक्ष में आया और काम शुरू कर दिया गया। समिति के सदस्य गुलशन राय वीरमानी ने कहा कि यह कार्य एमसीडी और डीडीए के सहयोग से किया जाएगा।