Emergency Row: ‘इमरजेंसी’ फिल्म में इतने कट्स लगाएंगी कंगना रनौत, CBFC की सिफारिश माननी पड़ी
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ लंबे समय से विवादों में है। सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में इस फिल्म से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई हुई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने कोर्ट को जानकारी दी कि कंगना रनौत, जो फिल्म की सह-निर्माता हैं, CBFC द्वारा सुझाए गए कट्स पर सहमत हो गई हैं।
फिल्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट की मांग
जी स्टूडियोज़, जो फिल्म के सह-निर्माता हैं, ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें ‘इमरजेंसी’ के लिए सेंसर सर्टिफिकेट की मांग की गई। याचिका में यह दावा किया गया था कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कुछ बदलावों का सुझाव दिया।
कुल 13 बदलाव सुझाए गए
CBFC ने फिल्म में 13 बदलावों की सिफारिश की है, जिसमें 6 इंसर्शन, 4 एक्सक्लूजन, और 3 मोडिफिकेशन शामिल हैं। इसके अलावा, फिल्म में एक डिस्क्लेमर भी जोड़ने की सलाह दी गई है, जिसमें कहा गया है कि यह फिल्म “सच्ची घटनाओं से प्रेरित” है और इसमें “ड्रामैटिक ट्रांसफॉर्मेशन” किया गया है।
सिख समुदाय की आपत्तियों पर किया गया बदलाव
सिख समुदाय की चिंताओं के मद्देनज़र CBFC ने फिल्म के कुछ डायलॉग और सीन हटाने का सुझाव दिया है। इसमें संजय गांधी और ज्ञानी जैल सिंह के बीच के एक डायलॉग से ‘संत’ और ‘भिंडरावाले’ जैसे शब्दों को हटाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तारीफ करने वाले वाक्यांशों और गैर-सिखों को निशाना बनाने वाले सीन्स को भी हटाने को कहा गया है।
सच्ची घटनाओं की फुटेज और डॉक्यूमेंटरी प्रूफ
CBFC ने फिल्म निर्माताओं से यह भी कहा है कि जहां-जहां फिल्म में “रियल फुटेज” का इस्तेमाल किया गया है, वहां एक स्टेटिक टेक्स्ट होना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि ये असली फुटेज हैं। साथ ही, फिल्म में उल्लिखित सभी आँकड़ों और रेफरेंस के लिए डॉक्यूमेंटरी प्रूफ भी पेश करने को कहा गया है।