वक्फ संशोधन बिल से संबंधित हालिया विवाद में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बड़ा दावा किया है, जिसमें उन्होंने इस बिल पर मिले सुझावों के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की संभावना व्यक्त की है। दुबे ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से जांच की मांग की है और यह भी आरोप लगाया कि कट्टरपंथी संगठन, जाकिर नाइक, और विदेशों से जुड़ी ताकतें (जैसे आईएसआई और चीन) वक्फ बिल के सुझावों को प्रभावित कर रही हैं।
प्रमुख बिंदु:
- 1 करोड़ से अधिक सुझाव: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को 1.25 करोड़ से ज्यादा ईमेल और 75,000 से ज्यादा लिखित सुझाव प्राप्त हुए हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल: दुबे का आरोप है कि इन सुझावों में से कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके भेजे गए हैं, और अधिकांश सुझावों की भाषा एक जैसी है, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई गई है।
- जाकिर नाइक का कनेक्शन: दुबे ने सुझाव दिया कि जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों, आईएसआई, और विदेशी शक्तियों की इसमें संभावित भूमिका हो सकती है।
- गृह मंत्रालय से जांच: दुबे ने जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर इन सुझावों की जांच गृह मंत्रालय द्वारा करवाने की मांग की है और इस जांच की रिपोर्ट जेपीसी के सामने रखने का आग्रह किया है।
- अंतरराष्ट्रीय साजिश का संकेत: दुबे ने इस मामले को एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के रूप में देखा है, जिसमें विदेशी शक्तियों का हस्तक्षेप संभावित रूप से भारत की आंतरिक कानून प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रहा है।
इस मुद्दे को लेकर अब जेपीसी की समिति देशभर के विभिन्न राज्यों का दौरा करेगी और वक्फ बोर्ड और राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के साथ मुलाकात करेगी।