Sri Lanka New President: अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार सुबह श्रीलंका के नौंवे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की गिरती अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना और भ्रष्टाचार खत्म करना है। शपथ ग्रहण के बाद दिसानायके ने श्रीलंका में एक नए युग की शुरुआत का वादा किया। उन्हें जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) पार्टी और नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन का समर्थन प्राप्त है, और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को हराया।
भारत को लेकर श्रीलंका का रुख
अनुरा कुमारा दिसानायके को चीन के करीबी माना जाता है, लेकिन उनके शुरुआती बयान भारत के पक्ष में दिखाई दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीलंका किसी भी भूराजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में नहीं उलझेगा और उसका क्षेत्र किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगा। यह बयान भारत के प्रति सकारात्मक रुख दर्शाता है, जिसे भारत के लिए आश्वासन के रूप में देखा जा रहा है।
भारत एक महाशक्ति
एनपीपी पार्टी के प्रवक्ता बिमल रत्नायके ने कहा कि श्रीलंकाई क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि भारत श्रीलंका का महत्वपूर्ण पड़ोसी और एक महाशक्ति है। हिंद महासागर में श्रीलंका की रणनीतिक स्थिति उसकी भूराजनीतिक भूमिका को और बढ़ाती है।
श्रीलंका के विपक्ष का रुख
राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से पहले प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे नए मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता साफ हो सके। चुनाव में दिसानायके के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश और राजनीतिक सुधार के वादों ने विशेष रूप से युवा मतदाताओं को आकर्षित किया, जो लंबे समय से राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की मांग कर रहे थे।