दिल्ली के पालम 360 खाप की चेतावनी: 15 दिनों में समाधान नहीं मिला तो होगा धरना
दिल्ली देहात के विभिन्न मुद्दों को लेकर ग्रामीणों ने अब सरकार से ठोस कदम उठाने की चेतावनी दी है। पालम 360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में हजारों लोग रविवार को जंतर-मंतर पर जुटे और दिल्ली देहात की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस कदम न उठाए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की।
प्रमुख मांगें:
- दिल्ली के गांवों में बंद पड़ी भूमि म्यूटेशन की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाए।
- धारा 74/4 के तहत गरीब किसानों को मालिकाना हक दिया जाए।
- जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन्हें वैकल्पिक भूखंड प्रदान किए जाएं।
- सरकार की स्वामित्व योजना के तहत बिना स्टांप ड्यूटी के ग्रामीणों को पैतृक संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाए।
- 2041 मास्टर प्लान की अधिसूचना, संशोधित भूमि पूलिंग नीति और गांवों को स्मार्ट गांवों के रूप में विकसित किया जाए।
- धारा 81 और 33 को रद्द किया जाए और धारा 81 के तहत दर्ज मामलों को वापस लिया जाए। सीलिंग और तोड़फोड़ अभियान को रोका जाए।
- गांवों में एमसीडी का हस्तक्षेप और बिजली कंपनी की दादागिरी बंद की जाए, और गांवों में तुरंत मीटर लगाए जाएं।
- पूर्व में भर्ती किए गए होमगार्डों को हटाने के आदेश वापस लिए जाएं और उन्हें 60 वर्ष की आयु तक आवश्यक सुविधाएं और लाभ देकर सेवा में रखा जाए।
चौधरी सुरेंद्र सोलंकी की चेतावनी:
चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली देहात के लोगों का सबसे बड़ा योगदान दिल्ली की तरक्की में है, लेकिन आज हालत इतनी खराब हो गई है कि गांव ना शहर रह गए हैं, ना गांव।
सोलंकी ने कहा कि पिछले साल की महापंचायत में उठाए गए मुद्दों में से अधिकांश समस्याएं जस की तस हैं। इस बार, दिल्ली देहात के लोगों ने ठान लिया है कि लड़ाई आर-पार की होगी।
सारांश:
दिल्ली देहात की समस्याओं पर ध्यान न देने की स्थिति में ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की बात भी कह चुके हैं। वे अब ठोस समाधान की उम्मीद कर रहे हैं और हर समस्या के पूर्ण समाधान के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ने का इरादा रखते हैं।