Sunday, June 8, 2025
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कोलकाता रेप केस: मांगों पर रार, कब खत्म होगी हड़ताल? सीएम ममता बनर्जी से मिलने को डॉक्टर तैयार, पर रख दी बड़ी शर्तें!

कोलकाता रेप केस: मांगों पर रार, कब खत्म होगी हड़ताल? सीएम ममता बनर्जी से मिलने को डॉक्टर तैयार, पर रख दी बड़ी शर्तें!

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। इस घटना के बाद से डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसमें वे न्याय और सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग कर रहे हैं। इस विरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने की इच्छा जताई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ अहम शर्तें भी रखी हैं।

डॉक्टरों की बैठक के लिए शर्तें

प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक के लिए कई शर्तें रखी हैं:

  1. सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति – डॉक्टर चाहते हैं कि बैठक में सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहें ताकि सभी की आवाज सुनी जा सके।
  2. खुले मंच पर बैठक – डॉक्टरों की मांग है कि बैठक बंद कमरे में न होकर खुले मंच पर आयोजित की जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
  3. मीडिया की उपस्थिति – वे चाहते हैं कि बैठक के दौरान मीडिया भी मौजूद रहे और पूरी बातचीत का सीधा प्रसारण किया जाए, जिससे आम जनता को भी इसकी जानकारी मिल सके।

डॉक्टरों का सीएम को ई-मेल भेजने का निर्णय

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के प्रतिनिधि डॉ. अनिकेत मंडल ने एक अंग्रेजी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि डॉक्टर मुख्यमंत्री से बातचीत के लिए तैयार हैं और जल्द ही सीएम कार्यालय को ई-मेल भेजकर अपनी मांगें स्पष्ट करेंगे। उनका कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए डॉक्टर मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत चाहते हैं।

स्वास्थ्य भवन के बाहर जारी है प्रदर्शन

जूनियर डॉक्टरों ने विधाननगर (साल्ट लेक) में स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। वे पूरी रात धरने पर बैठे रहे और राज्य सरकार के किसी भी आश्वासन के बावजूद अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन खत्म न करने का निर्णय लिया है।

राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ नाराजगी

बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल जब बुधवार को विरोध स्थल पर पहुंचीं, तो उन्हें “वापस जाओ” के नारों का सामना करना पड़ा। इससे यह साफ है कि प्रदर्शनकारी डॉक्टर किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप के खिलाफ हैं और अपने आंदोलन को राजनीति से दूर रखना चाहते हैं।

51 डॉक्टरों को मिला नोटिस

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। इन डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डाला, डराने-धमकाने की संस्कृति को बढ़ावा दिया, और काम के माहौल को खराब किया। उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

आगे का रास्ता

डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। सरकार और डॉक्टरों के बीच जारी इस गतिरोध का अंत कब होगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है, लेकिन सभी की निगाहें इस मुद्दे पर टिकी हुई हैं।

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