किसका होगा सिंधिया के गढ़ में राज, क्या कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह दें पाएँगे टक्कर!
गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने के बाद से यहां का सियासी माहौल गरमा गया है. कांग्रेस ने सिंधिया से राव यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है. इसके अलावा पार्टी ने दिग्विजय सिंह के बेटे और कांग्रेस सांसद जयवर्धन सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है. ऐसे में महल और किले के बीच की राजनीति एक बार फिर गुना की राजनीति में देखने को मिलती है.
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों पर नेतृत्व को मैदान में उतारा, जहां गुना लोकसभा सीट से जयवर्धन सिंह को नेता चुना गया. जयवर्धन सिंह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को पद से हटाने की योजना बना रहे हैं। गुना लोकसभा सीट से जुड़ी सभी विधानसभा सीटों पर जयवर्धन सिंह का भी अच्छा प्रभाव माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस ने जयवर्धन को राष्ट्रीय नेता और राव यादवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला, जिससे गुना लोकसभा चुनाव की दौड़ और भी दिलचस्प हो गई है. अब देखने वाली बात ये है कि क्या कांग्रेस सिंधिया के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब हो पाती है या नहीं.
सिंधिया परिवार का गढ़ गुना
गुना लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का मजबूत किला रही है. हालांकि 2019 के चुनाव में मोदी लहर के सामने सिंधिया परिवार का यह किला ढह गया था. सिंधिया परिवार ने यहां पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव जीता था. उस समय विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं. 1962 में यह सीट फिर से उनके पास आई लेकिन स्वतंत्र पार्टी के बैनर तले. 1971 से लेकर 1980 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया माधवराव सिंधिया ने. इस दौरान वे तीन बार सांसद बने, लेकिन तीनों बार ही अलग-अलग पार्टी के प्रत्याशी बने. 1989 में विजयाराजे सिंधिया बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव जीतीं और लगातार चार बार सांसद चुनी गईं. 1999 में माधवराव सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत गए. उनके बाद 2002 से 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सीट से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया. लेकिन 2019 के चुनाव में बाजी पलट गई और यह सीट सिंधिया परिवार के हाथ से छूटकर ज्योतिरादित्य के करीबी रहे कृष्ण पाल यादव के कब्जे में आ गई. इसके बाद ज्योतिरादित्य कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और इस बार बीजेपी ने गुना लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह से होगा.
राव यादवेंद्र सिंह
राव यादवेंद्र सिंह अशोक नगर से जिला पंचायत सदस्य हैं. उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं. वे पहले बीजेपी में ही थे. उनके पिता देशराज सिंह बीजेपी से विधायक रह चुके हैं. 2023 में मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले यादवेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हालांकि कुछ समय पहले यादवेंद्र सिंह को छोड़ उनका परिवार बीजेपी में शामिल हो गया था.
गुना लोकसभा सीट और मतदाता
गुना लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीट आती हैं- बमोरी, कोलारस, पिछोर, मुंगावली, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर और चंदेरी. इनमें बमोरी और अशोक नगर को छोड़कर सभी पर बीजेपी का कब्जा है. दो सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं.