BJP से रह चुके हैं विधायक PM मोदी के खिलाफ तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे अजय राय,
कांग्रेस पार्टी ने शनिवार शाम वाराणसी विधानसभा और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अखिल भारतीय गठबंधन की ओर से वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अजय राय वाराणसी में ग्राम प्रबंधक हैं। इसके अलावा, उन्होंने वाराणसी जिले में पांच बार विधायक के रूप में कार्य किया। हालांकि उन्होंने तीन बार लोकसभा चुनाव में हाथ आजमाया, लेकिन तीनों बार उन्हें हार मिली।
तकरीबन तीन दशक से राजनीति में सक्रिय रहने वाले अजय राय कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ सपा भाजपा के साथ भी चुनावी मैदान में रह चुके है. 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के समय भी अजय राय ने भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने बागी तेवर दिखाते हुए भारतीय जनता पार्टी से अपना रिश्ता खत्म कर लिया और वह 2009 लोकसभा चुनाव में वाराणसी से ही निर्दलीय चुनाव लड़े थे जिसमें उनकी हार हुई थी.
पीएम के खिलाफ तीसरी बार लड़ रहे चुनाव
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि दिलचस्प बात यह भी है कि अजय राय भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए भी उन्होंने वाराणसी से अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाया था.
इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए वह तीन बार विधायक भी चुने गए थे. अजय राय के करीबियों की माने तो -2009 में अजय राय ने बीजेपी से ही लोकसभा चुनाव टिकट की मांग की थी लेकिन उनको टिकट न देकर मुरली मनोहर जोशी को दिया गया था.
दो बार हो चुकी है करारी हार
2014 लोकसभा चुनाव और 2019 चुनाव में अजय राय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे. हालांकि इन दोनों चुनाव में अजय राय की करारी हार हुई थी. तकरीबन 5 लाख से अधिक वोटो से उनकी इन दोनों लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हार हुई थी.
2014 में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में थे तो 2019 में स्थानीय सपा नेता से ही अजय राय पीछे रह गए थे. 2014 में अजय राय की जमानत जब्त हो गई थी. इसके अलावा 2022 विधानसभा चुनाव में भी अजय राय की वाराणसी – पिंडरा से हार हुई थी.
इस बार पीएम मोदी से सीधा मुकाबला
2024 चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से अजय राय का सीधा मुकाबला है. इस बार इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर वह उम्मीदवार हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो निश्चित ही पिछले दोनों मुकाबले से यह मुकाबला अलग है.
इसके अलावा स्थानी नेता के साथ-साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और सूबे में मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर भी अजय राय जिम्मेदारी निभा रहे हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अजय राय वाराणसी के लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री मोदी को कितनी चुनौती दे पाते हैं.