Sunday, December 22, 2024
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अब भारत भी सेमीकंडक्टर का हब बनेगा , ‘मेड इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मिलेगी गति

अब भारत भी सेमीकंडक्टर का हब बनेगा ,’मेड इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मिलेगी गति

सेमीकंडक्टर नाम हाल ही में भारत में सामने आया है। सेमीकंडक्टर विनिर्माण भी तेजी से विकसित हो रहा है। भारत में अरबों डॉलर यानी अरबों रुपये की लागत से तीन सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियां लगने वाली हैं। तीन सेमीकंडक्टर प्लांट में से दो गुजरात के धोलेरा और साणंद में और एक सेमीकंडक्टर प्लांट असम के मोरीगांव में खुलने की उम्मीद है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की तीन सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियों की नींव रखी है. भारत में दशकों से अपार संभावनाएं हैं, लेकिन हमारे देश में एक संपन्न तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का अभाव है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देशीय प्रतिभा

देश की प्रतिभाएं वैश्विक स्तर पर सभी प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियों में अपनी पहचान बना चुकी है. अब देश में एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापना का समय आ गया है, जो देश के युवाओं को विशेष रूप से अगली पीढ़ी के चिप डिजाइन, सेमीकंडक्टर अनुसंधान एवं विनिर्माण एवं अन्य क्षेत्रों में प्रोत्साहित, कौशल एवं प्रशिक्षित करने का काम करेगा. तीन नए सेमीकंडक्टर प्लांट ना केवल असम एवं गुजरात में बल्कि पूरे देश में अपार अवसर लेकर आएंगे. भारत में निर्मित मेड इन इंडिया चिप्स,वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की एक मजबूत एवं महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करने में सहायक होंगे और यह भारत को एक वैश्विक सेमीकॉन हब बनाने का काम करेगा. इसमें कई चिप असेंबली और पैकेजिंग यूनिट्स के काम होंगे. इस कार्य में अरबों डॉलर का निवेश किया जाएगा. टाटा समूह को 91,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ देश का पहला मेगा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के लिए गुजरात के धोलेरा में लगभग 160 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. गुजरात में होने वाले मेनुफैक्चरिंग सेमीकंडक्टर चिप का उपयोग भारत के अंदर मोटर इलेक्ट्रिक व्हिकल इंडस्ट्रीज, टेलिकॉम, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में होगा. इसके अलावा भारत ग्लोबल चेन का भी हिस्सा बनेगा. ये चिप हमारे देश में चिप फैब्रिकेशन की क्षमता को विकसित करेंगे, और ग्लोबल स्तर पर सेमीकंडक्टर के मामले में विश्व स्तर पर सप्लाई चेन में भी शामिल करेंगे.

आकर्षित हो रही है दुनिया

विश्व की सेमीकंडक्टर की विनिर्माण कंपनियां गुजरात की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए आकर्षित हो रहे हैं. विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का लीडर भारत बनने जा रहा है. भारत में टेक्नोलॉजी की बढ़ोतरी तेज रफ़्तार से हो रही है. गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट लगने से जहां एक तरफ भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी तो दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में रोजगार के काफी अवसर भी पैदा होंगे. इसके साथ ही भारत को 5 ट्रिलियिन इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सेमीकंडक्टर प्लांट अहम भी साबित होगा.
भारत में सेमीकंडक्टर के तीन प्लांट लगने से चीन को एक बड़ा झटका लगने वाला है. भारत के चिप मिशन को लेकर दुनिया भर के देशों में एक अलग तरह की उत्सुकता देखने को मिल रही है. कई देश और उनके यहां की कपंनियां भारत के सेमिकंडक्टर की ओर देख रही है. भारत में इस मिशन की शुरूआत होने की खबर ने चीन की बेचैनी बढ़ा दी है, क्योंकि इससे पहले सेमीकंडक्टर के विनिर्माण के मामले में पूरे विश्व में चीन का एक अलग ही दबदबा था.

चीन का दबदबा होगा कम

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में चीन दुनिया का बड़ा हिस्सा अपने हाथ में रखता है. अमेरिका, जापान जैसे विकसित देश भी सेमीकंडक्टर के मामले में ताइवान और चीन पर निर्भर रहने को मजबूर हैं. अब भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण होने से पूरे विश्व में भारत अपनी ओर सबकी नजर खींच रहा है. अगले कुछ सालों में सेमीकंडक्टर के बाजार में काफी उछाल आने की उम्मीद लगाई जा रही है. इसी को ध्यान में रखकर भारत ने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए है. भारत में सेमीकंडक्टर की कंपनी बनने के बाद चिप बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत होगी. फिलहाल तीन प्लांट में सेमीकंडक्टर के निर्माण के बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है. सेमीकंडक्टर के आने के साथ रक्षा,अंतरिक्ष और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेक्टर में विकास को गति मिलेगी. सेमीकंडक्टर के भारत में उपयोग के साथ-साथ विदेश के कई देशों में निर्यात किए जाएंगे,जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सके. भारत में सेमीकंडक्टर के तीन प्लांट होने के बाद कई लोगों को सीधे तौर पर रोजगार भी मिलेगा. यह कदम जहां एक ओर विकास को गति देगा तो रोजगार की समस्या को भी कम करेगा.

दरअसल, सेमीकंडक्टर एक सिलिकॉन की चिप होती है. जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है. सेमीकंडक्टर का उपयोग वाहनों, स्मार्टफोन, कंप्यूटर,एटीएम , कार, डिजिटल कैमरा,एसी और फ्रिज आदि में होता है. इसके अलावा कई मिसाइलों में सेमीकंडक्टर के चिप की जरूरत होती है. गौरतलब हो कि सेमीकंडक्टर चिप किसी भी प्रोडक्ट को कंट्रोल और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करने में मदद करती है. जानकारी के मुताबिक लक्जरी कारों के सेन्सर्स, ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग रियर कैमरा, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग में भी सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल की जाती है.

भारत बनेगा बड़ा बाजार

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में बड़ा नाम बनाने के लिए भारत को निवेश की बहुत बड़ी जरूरत होगी. इसके लिए विदेश की कंपनियों के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करना होगा. हालांकि, भारत सरकार की ओर से अमेरिका की जानी-पहचानी प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर कंपनियों के साथ भी बातचीत चल रही है. उनमें एचपी, डेल, इंटेल और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां संपर्क में हैं. सेमीकंडक्टर की बड़ी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी का भारत में असेंबल, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग के लिए प्लांट स्थापित कर रही है. इस प्रस्ताव के तहत माइक्रॉन टेक्नोलॉजी कंपनी दुनिया भर में बन रहे अपने वेफर्स की प्रोसेसिंग के लिए इस प्लांट का सिर्फ इस्तेमाल करेगी. 2024 के अंत तक यहां से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो सेमीकंडक्टर के उद्योग में संयुक्त राज्य अमेरिका ,ताइवान , दक्षिण कोरिया ,जापान और नीदरलैंड की कई कंपनियों का पहले से ही वर्चस्व कायम है.

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2021 में सेमीकंडक्टर की बिक्री 26.2 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 555.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी. चीन में बिक्री 192.5 बिलियन डॉलर तक पहुंची. 2023 में 1.15 ट्रिलियन सेमीकंडक्टर इकाइयां भेजी गई है. 2027 तक सेमीकंडक्टर उद्योग $726.73 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. उस समय तक सेमीकंडक्टर उद्योग की क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रख रहा होगा. सेमीकंडक्टर उद्योग को ध्यान में रखकर भारत इस क्षेत्र में हाथ बढाया है.

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