जयराम ठाकुर ने किया बड़ा दावा- 4 जून को देश के साथ-साथ हिमाचल में भी BJP का परचम लहराएगा
देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 1 जून को 7 वें और अंतिम चरण में चुनाव होंगे. राज्य में छह संसदीय सीटों और चार लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि दूसरी ओर, केंद्र में तीसरी बार भाजपा की सरकार बन रही है। इस बीच 4 जून को हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनेगी. नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अभी भी अल्पमत में है।
उन्होंने चुनाव आयोग की ओर से की गई चुनाव की घोषणा का स्वागत किया. जय राम ठाकुर ने कहा है कि उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल करेगी और हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाएगी. जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सियासी हालात बेहद साफ है. हालांकि उन्होंने अभी यहां स्पष्ट नहीं किया कि कांग्रेस के बागी नेताओं को बीजेपी टिकट देगी या नहीं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बारे में केंद्रीय आलकमान ही फैसला लेगा.
6 सीटों पर होगा उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, लाहौल स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होगा. इन सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को मतदान होगा. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, उन सभी सीट पर कांग्रेस के ही विधायक थे. धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो कांग्रेस के विधायक थे.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से इन विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद अब यहां उपचुनाव होना है. हालांकि इन सभी बागी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है. मामले में सोमवार यानी कल अगली सुनवाई होनी है. अयोग्य घोषित 6 विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
बहुमत के लिए चाहिए 35 का आंकड़ा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीट हैं. सदन में बहुमत के लिए 35 विधायकों की संख्या होना जरूरी है. छह विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद मौजूदा वक्त में विधानसभा की संख्या 62 है. इनमें कांग्रेस के 34, भाजपा के 25 और तीन निर्दलीय विधायक शामिल है. तीनों निर्दलीय विधायकों का समर्थन अब विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी के साथ है. वहीं, कांग्रेस के कुल 34 विधायकों में एक विधानसभा अध्यक्ष भी हैं. विधानसभा अध्यक्ष आंकड़ा बराबर होने की स्थिति में ही वोट करते हैं.
हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारी यह बता रहे हैं कि इस तरह की स्थिति प्रदेश में पहली बार पैदा हुई है. इस सियासी उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी के पास गंवाने के लिए तो कुछ नहीं, लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ है. ऐसे में यह ज्यादा बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने है. कांग्रेस को बहुमत हासिल करने के लिए उपचुनाव में अपनी पूरी जान झोकनी होगी.