चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने पर 100 मिनट के भीतर होगी कार्रवाई -जाने क्या है cVIGIL App
चुनाव आयोग ने 2024 के संसदीय चुनावों की घोषणा की। परिणामस्वरूप, चुनावी कानून पूरे देश में लागू किया गया। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई घोषणाएं की गईं. चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए आयोग ने इस बार cVIGIL नाम से एक ऐप बनाया है.
यदि कोई देखता है कि कोई उम्मीदवार पैसे बांट रहा है या इस प्रकार का कार्य चुनावी कानून का उल्लंघन करता है, तो इस एप्लिकेशन के माध्यम से तुरंत शिकायत दर्ज की जा सकती है। आप एसएमएस के जरिए शिकायत कर सकते हैं. सूचना मिलते ही चुनाव आयोग की टीम 100 मिनट के भीतर उस क्षेत्र का पीछा करेगी और उस स्थान पर पहुंचेगी जहां शिकायत दर्ज की गई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अगर कोई नेता आचार संहिता का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसका फोटो खीचिंए और cVIGIL ऐप पर अपलोड कर दीजिए. आप कहां खड़ें हैं ये हम अपने मोबाइल ऐप से जान लेंगे. 100 मिनट के भीतर हम अपनी टीम भेजकर शिकायत का निपटारा कर देंगे.’
राजीव कुमार ने आगे कहा, चुनाव में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. हर जिले में पांच कंट्रोल रूप बनाए गए हैं जहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, हेल्पलाइन नंबर, शिकायत पोर्टल और cVIGIL के जरिए सीनियर ऑफिसर चुनाव अभियान के दौरान चल रही सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे.
कैसे काम करता है cVIGIL App
cVIGIL एक ऐसा मोबाइल ऐप है. इस ऐप के जरिए मतदाता और नागरिक चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उल्लंघन में रिश्वत, मुफ्त में चीजें बांटना, शराब की बोतल बांचना या अनुमति से ज्यादा देर तक लाउडस्पीकर बजाना शामिल हैं. सबूत के तौर पर आप रिकॉर्ड किया हुआ फोटो या वीडियो अपलोड कर सकते हैं. चुनाव आयोग शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई शुरू कर देता है. हर शिकायत पर 100 मिनट के भीतर जवाब दिया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि क्या कार्रवाई की गई.
cVIGIL अक्टूबर-दिसंबर 2018 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस्तेमाल किया गया था. तब से अब तक, नवंबर-दिसंबर 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव तक cVIGIL के जरिए कुल 1 लाख 71 हजार 745 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें से 1 लाख 27 हजार 567 यानी कि 74 फीसदी शिकायतें सही पाई गई थी.
- एंड्रॉयड यूजर यहां से ऐप डाउनलोड करें– https://play.google.com/store/apps/details?id=in.nic.eci.cvigil&hl=en_IN and in Apple Store here:
- एपल यूजर यहां से ऐप डाउनलोड करें– https://apps.apple.com/in/app/cvigil/id1455719541
cVIGIL ऐप की क्यों जरूरत क्यों? https://apps.apple.com/in/app/cvigil/id1455719541
cVIGIL ऐप चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देता है और गलत कामों को रोकने में मदद करता है. इस ऐप के पीछे ये सोच है कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अधिकारियों को जनता के साथ मिलकर काम करना जरूरी है.
चुनाव आयोग की ये पहल न सिर्फ नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करेगी, बल्कि सभी उम्मीदवारों के लिए बराबरी का मौका भी सुनिश्चित करेगी. आने वाले समय में cVIGIL लोकतंत्र की रीढ़ बन सकता है. हालांकि, इसे और मजबूत बनाने के लिए कुछ चीजें जरूरी हैं. सबसे पहली बात है, इसका दायरा बढ़ाना होगा. आम आदमी तक cVIGIL को पहुंचाने के लिए और कोशिशों की जरूरत है.
कुल मिलाकर, cVIGIL ऐप एक तरह से सामुदायिक पुलिसिंग की तरह काम करती है. ऐप नागरिकों को चुनाव निष्पक्ष करवाने में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है. ये इस भरोसे पर आधारित है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए अधिकारियों को जनता के साथ मिलकर काम करना जरूरी है.