ED समन केस में CM केजरीवाल को अग्रिम जमानत के लिए क्या दलीलें रखी गई? आगे पेशी से छूट भी मिली
प्रवर्तन निदेशालय मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। उनकी पेशी के एक मिनट बाद, अदालत ने उन्हें 15,000 रुपये की जमानत दे दी। अदालत ने केजरीवाल को मामले में उनकी संलिप्तता से भी बरी कर दिया।
ईडी ने अदालत से कहा कि वह शराब नीति और भ्रष्टाचार के आरोपों को अंतिम रूप देने से पहले होने वाली बैठकों के संबंध में केजरीवाल का बयान चाहता था, लेकिन आठ समन भेजने के बाद भी वह उपस्थित नहीं हुए.
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से शिकायत की कि उन्हें ईडी से दस्तावेजों की जरूरत है जिसके आधार पर उनसे पूछताछ की जाएगी. कोर्ट ने आदेश दिया कि दस्तावेज ईडी को सौंपे जाएं. मामले की सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.
इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार 15 मार्च को सुनवाई हुई थी. 7 मार्च को ईडी की याचिका पर उन्हें कोर्ट में तलब किया गया था.
ED अब तक 8 समन जारी कर चुकी है। केजरीवाल एक बार भी एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद जांच एजेंसी ने कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज करवाईं हैं।
कोर्ट रूम की दलीलें…
कोर्ट- क्या आरोपी पेश हो रहे हैं?
गुप्ता (केजरीवाल के वकील)- हां वो कोर्ट में हैं और आप बेल बॉन्ड का ऑर्डर दे सकते हैं। इसके बाद केजरीवाल जा सकते हैं और जिरह जारी रख सकते हैं।
कोर्ट- 15 हजार के मुचलके पर जमानत मंजूर करते हैं। केजरीवाल कोर्ट से जा सकते हैं। वकील अभी कोर्ट में मौजूद रहें।
ED- इस मामले की धाराएं एक बार देख लीजिए।
कोर्ट- आरोप बेलेबल हैं और आरोपी ने बेल मांगी है।
ED से कोर्ट- क्या आप जवाब फाइल करना चाहते हैं?
ED- हमारा कहना सिर्फ यही है कि केजरीवाल सिर्फ देरी करने की तरकीबें अपना रहे हैं। ये जांच में देरी करना चाहते हैं।
गुप्ता- इस मामले की सुनवाई सोमवार को की जाए।
कोर्ट- हमें लगता है कि आप पहले इस पर जवाब फाइल कर दीजिए। ये उचित रहेगा।
ED- इन्हें जो भी डॉक्यूमेंट्स दिए जाने चाहिए, वो दे दिए जाएंगे।
कोर्ट- हम इस मामले की सुनवाई 1 अप्रैल को करेंगे।
केजरीवाल के वकील बोले- CM ने ED के हर समन का जवाब दिया
कोर्ट में 15 मार्च को स्पेशल जज (CBI) राकेश सयाल की सिंगल बेंच में ED की तरफ से ASG एसवी राजू पेश हुए। वहीं, केजरीवाल के वकील सीनियर एडवोकेट रमेश गुप्ता और एडवोकेट राजीव मोहन रहे। केजरीवाल के वकीलों ने कहा कि दिल्ली सीएम ने ED के हर समन का जवाब दिया है। मुख्यमंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी की वजह से वो ED के सामने पेश नहीं हो सके। ED ने कोर्ट में शिकायत करने से पहले केजरीवाल को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया।
दिल्ली CM जब 2 फरवरी को 5वें समन के बाद पूछताछ के लिए नहीं आए थे, तब ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी। केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सेशन के कारण 14 फरवरी को कोर्ट में वर्चुअली पेश हुए थे। कोर्ट ने इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की थी।
केजरीवाल को ED ने 8 समन भेज चुकी है
शराब नीति घोटाला मामले में ED अरविंद केजरीवार को अबतक 8 समन भेज चुकी है। केजरीवाल को 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं।
ED को गिरफ्तारी का अधिकार
CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।
अगर CM केजरीवाल आगे भी पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।
वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकता है।