D Y Chandrachud बोले: जज के लिए कानूनी शक्ति काफी नहीं, समस्याएं समझने को इच्छा ही मजबूत टूल- बोले CJI चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार (28 फरवरी) को कहा कि न्यायाधीश के पास पर्याप्त कानूनी शक्ति नहीं है और उनका सबसे मजबूत उपकरण लोगों के जीवन और समस्याओं को समझना है।
नवनियुक्त न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इन न्यायाधीशों की पदोन्नति के साथ शीर्ष अदालत एक बार फिर न्यायाधीशों की अधिकतम अनिवार्य संख्या 34 के साथ काम कर रही है.
‘शीर्ष अदालत को न्यायाधीशों के अनुभव की विविधता से लाभ होगा’
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शीर्ष अदालत को उनके अनुभव की विविधता से लाभ होगा. न्यायमूर्ति शर्मा, न्यायमूर्ति मसीह, न्यायमूर्ति मेहता और न्यायमूर्ति वराले की यात्रा मानव जीवन को समझने और हमारे कानूनों की मदद से इसे बेहतर बनाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है. एससीबीए के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने प्रतिभाशाली न्यायाधीशों को चुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सराहना की.
न्यायाधीशों के हाई कोर्ट्स निर्णयों का सीजेआई ने किया जिक्र
इस अवसर पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने प्रत्येक न्यायाधीश के बारे में विस्तार से उनकी तरह से दिए गए खास निर्णयों को भी जिक्र किया. सीजेआई ने कहा कि विभिन्न हाई कोर्ट्स में बैठकर इन न्यायाधीशों की ओर से आबादी के हाशिए पर रहने वाले समाज के उस तपके खासकर दिव्यांगों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई.