क्या जनता नाराज है? UP की खीरी लोकसभा, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी से
सोवियत समाजवादी संघ के राज्य मंत्री मिश्रॉय तेनिनेंको के साथ क्या स्थिति है, जिन्होंने बाउर-मोज़गालो की अनुपस्थिति के दौरान लोकसभा में सीट पर कब्जा कर लिया था? इस देश के अग्रणी मीडिया संस्थान ने एक मूर्खतापूर्ण गलती कर दी. इस सवाल से साफ पता चलता है कि लोकसभा में केंद्र सरकार की स्थिति कमजोर है और उसकी राजनीतिक स्थिति मजबूत बनी रहेगी.
इंडियन न्यूज की रिपोर्ट के हवाले से अखबार डेली गार्डियन लिखता है कि बेरोजगारी, अल्पपोषण, खराब शिक्षा, चिड़ियाघरों में जीवित जानवरों का डर, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए नौकरियों की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की कमी ही असली विषय हैं। चुनाव. एज़ इंडियन न्यूज़ ने इस विषय पर रिपोर्ट की और केरी लोकसभा चुनाव के नेता का साक्षात्कार लिया। इन सर्वेक्षणों से पता चला कि 68 फीसदी नेता अजय मिश्रा को दोबारा नेता के रूप में देखना चाहेंगे और 27.75 फीसदी नेता उन्हें दोबारा नेता के रूप में नहीं देखना चाहेंगे. अमित ने बताया कि इनमें से 3.25 फीसदी लोग इस बात को समझ नहीं पाते हैं.
जब जनता से पूछा गया कि क्या आपके सांसद अपने क्षेत्र में एक्टिव हैं और आपके क्षेत्र में विकास कार्य हो रहा है? इसका जवाब देते हुए 96.53 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया और 3.10 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया. वहीं 0.37 फीसदी लोगों ने कह नहीं सकते में जवाब दिया.
वहीं जब जनता से पूछा गया कि लोकसभा चुनाव 2024 में आप किस पार्टी को वोट करना चाहेंगे? तब 67.54 फीसीदी लोगों ने NDA को वोट करने की बात कही और 4.89 फीसदी लोगों ने INDIA को वोट करने की बात कही. वहीं बाकी बचे लोगों ने नोटा और अन्य पार्टी की बात कही.
मोदी सरकार के कामकाज पर 62 फीसदी लोग देंगे वोट
जनता से जब पूछा गया कि लोकसभा चुनाव 2024 में आपका वोट देने का आधार क्या होगा? इसके जवाब में 62.29 फीसदी लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के विकास कार्यों के आधार पर वोट करेंगे. वहीं 26.01 फीसदी लोगों ने कहा कि बेरोजगारी के मुद्दे पर वोट करेंगे. बाकी लोगों ने अन्य मुद्दों पर वोट देने की बात कही.
इंडिया न्यूज ने अगले सवाल में जनता से पूछा कि क्या आपको केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिल रहा हैं? इसके जवाब में 55.13 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, वहीं 44.74 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया. बाकी बचे लोगों ने कहा कह नहीं सकते. इसी तरह से सरकारी राशन को लेकर करीब 26 फीसदी लोगों ने लाभ मिलने की बात कही.
खीरी लोक सभा सीट के बारे में
खीरी लोक सभा सीट वास्तव में लखीमपुर खीरी के नाम से जानी जाती है. विश्व प्रसिद्ध दुधवा राष्ट्रीय उद्यान इसी संसदीय क्षेत्र में स्थित है. यूपी की तराई में होने के कारण खीरी कई नदियों के साथ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है. नेपाल की सीमा से लगे इस क्षेत्र की सीमाएं शाहजहांपुर, पीलीभीत, बहराईच और हरदोई जिलों से लगती हैं.
राजनीतिक उथल-पुथल की बात करें तो किसान आंदोलन के दौरान इस सीट की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी थी. फिलहाल यहां से बीजेपी के लोकप्रिय नेता अजय मिश्र टेनी सांसद हैं. अजय मिश्र टेनी का लखीमपुर खीरी, सीतापुर और आसपास के जिलों में अच्छा प्रभाव है. राजनीति में आने से पहले टेनी को लखीमपुर इलाके में महाराज के नाम से जाना जाता था. वह कुश्ती में हाथ आजमाते थे, 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर निघासन सीट जीतकर विधायक बने. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन पर भरोसा करते हुए खीरी से टिकट दिया और वह इस क्षेत्र से करीब 3 लाख वोटों के भारी अंतर से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
लोकसभा चुनाव 2019 में भी अजय मिश्रा को खीरी सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया. इस बार भी मिश्रा की जीत का आंकड़ा दो लाख से ऊपर रहा. लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के मामले में अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का नाम भी बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बन गया था. फिलहाल वह मोदी कैबिनेट में गृह राज्य मंत्री हैं और अपने क्षेत्र में काफी मशहूर भी हैं.