Thursday, March 13, 2025
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RBI Update: आरबीआई गवर्नर बोले, सरकार के कम उधार लेने के फैसले से मिलेगी आर्थिक विकास को रफ्तार, कम होगी महंगाई

RBI Update: आरबीआई गवर्नर बोले, सरकार के कम उधार लेने के फैसले से मिलेगी आर्थिक विकास को रफ्तार, कम होगी महंगाई

National Desk | Rajneetik tarkas 

RBI Update: बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बाजार के अनुमान से कम उधार लेने के सरकार के फैसले का अच्छा असर देखने को मिलेगा. इस फैसले के चलते प्राइवेट सेक्टर के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी साथ ही महंगाई दर में कमी आएगी और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.

आरबीआई गवर्नर ने कहा, सरकार की इस साल के लिए उधार योजना बाजार के अनुमान से कम है. कम उधारी का मतलब है कि निजी क्षेत्रों को अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से ज्यादा कर्ज मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि कम सरकारी उधारी के कार्यक्रम से देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगी क्योंकि इससे निजी क्षेत्र को अपना निवेश करने के लिए अधिक बैंकों से कर्ज मिलेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, सरकार के इस फैसले के चलते महंगाई दर को भी घटाने में मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए 14.13 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव रखा है जो पिछले साल के 15.43 लाख करोड़ रुपये के उधार अनुमान से कम है. पिछले साल की उधारी अबतक की सबसे अधिक थी. बढ़ते राजस्व और सरकार की राजकोषीय उपायों के मजबूती के कारण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उधारी का अनुमान कम रखा गया है.

मॉनिटरी पॉलिसी के लिए कर्ज के महत्व के बारे में आरबीआई गवर्नर ने कहा, मॉनिटरी पॉलिसी बनाते समय इसे ध्यान में रखा जाता है. ये ग्रोथ रेट को बढ़ावा देने का साथ महंगाई दर को कम रखने में मदद करता है. आरबीआई गवर्नर ने कर्ज-जीडीपी अनुपात पर कहा कि यह कोविड ​​​​अवधि के दौरान 88 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गया था. उसके बाद से यह नरम हो रहा है.

इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बैठक को संबोधित किया. वित्त मंत्री ने बैठक में उन बातों को जिक्र किया जिसपर अंतरिम बजट में जोर दिया गया है साथ ही उन्होंने फाइनेंशियल सेक्टर से की जा रही उम्मीदों पर का भी जिक्र किया. आरबीआई बोर्ड ने वैश्विक घरेलू आर्थिक हालात के साथ साथ वैश्विक हालात और ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट उतार चढ़ाव का जिक्र किया.

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