क्या है बिहार की नई आईटी नीति? निवेशकों के लिए साबित होगा मील का पत्थर, पढ़ें काम की खबर
बहुत जल्द हजारों करोड़ के निवेश बिहार में टेक्नोलॉजी के तहत होंगे. बिजली, जमीन समेत कई क्षेत्रों में अनुदान मिलेगा. रोजगार के अवसर भी युवाओं को मिलेंगे.
बिहार सरकार (Bihar Government) ने इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (IT) के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आईटी पॉलिसी 2024 (IT Policy 2024) की शुरुआत कर दी है. सोमवार (08 जनवरी) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत बिहार में आईटी के क्षेत्र में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस संबंध में मंगलवार (09 जनवरी) को विभाग के मंत्री इसराइल मंसूरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पहल पर आईटी पॉलिसी की शुरुआत की गई है.
इसराइल मंसूरी ने कहा कि नई पॉलिसी से बिहार, बाहर या देश के बाहर रहने वाले यहां आकर आईटी के क्षेत्र में रोजगार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आईटी के क्षेत्र में बिहार के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा. इसके लिए राज्य सरकार आईटी क्षेत्र में उद्योग लगाने वालों को सब्सिडी देगी. उन्होंने कहा कि आईटी पॉलिसी मील का पत्थर साबित होगा. बहुत जल्द हजारों करोड़ के निवेश बिहार में टेक्नोलॉजी के तहत होंगे.
सब्सिडी और अन्य सुविधा के बारे में पढ़ें
विभाग के सचिव अभय कुमार ने कहा कि जो उद्योगपति बिहार में आईटी के क्षेत्र में पूंजी निवेश करना चाहते हैं उनको 30% का अनुदान दिया जाएगा. यानी 100 करोड़ में 30 करोड़ रुपये का अनुदान सरकार की ओर से दिया जाएगा. अगर कोई अनुदान पर काम नहीं करना चाहता है तो उन्हें 10% वार्षिक ब्याज का अनुदान मिलेगा.
उद्योग लगाने के लिए हमारे बियाडा के पास बहुत सारी जमीन है. अगर कोई बियाडा की जमीन ना लेकर दूसरी जगह जमीन लीज पर लेता है तो उन्हें 50% का अनुदान मिलेगा. यह सुविधा पांच वर्षों तक के लिए रहेगी. साथ ही उद्योग लगाने वालों को बिजली बिल में भी प्रति वर्ष 25% अनुदान मिलेगा. यह भी पांच वर्षों तक के लिए होगा.