Sunday, July 27, 2025
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CM केजरीवाल रैट-होल माइनर्स से आज मिलेंगे,सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने में थी अहम भूमिका

रैट-होल माइनर्स से आज मिलेंगे CM केजरीवाल, सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने में थी अहम भूमिका

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को रैट-होल माइनर्स से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) शुक्रवार को अपने आवास पर रैट-होल माइनर्स (Rat-Hole Miners) से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने उत्तराखंड (Uttarakhand) के सिल्क्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, केजरीवाल शाम को अपने आवास पर रैट-होल माइनर्स से मुलाकात करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि रैट-होल माइनर्स, जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ध्वस्त सुरंग में बचाव अभियान का हिस्सा थे, ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के लिए भी काम किया. रैट-होल माइनर्स ने सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

गौरतलब है कि 16 दिनों की कई मेगा एजेंसी की कार्रवाई के बाद बीते मंगलवार की रात फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया था. रैट खनिक सोमवार को सुरंग के ढह गए हिस्से के मलबे को खोदने में लगे हुए थे. वैज्ञानिकों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग एजेंसियों एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बीआरओ की ओर से लगातार युद्ध स्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17वें दिन मंगलवार रात सभी 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.

दिवाली के दिन टनल में फंसे थे 41 मजदूर

बता दें कि उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग पर एक सुरंग बनाई जा रही है. सुरंग का एक हिस्सा दिवाली के दिन 12 नंवबर को ढह गया था. इसकी वजह से मलबा गिरने से सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंस गए थे. इन्हीं मजदूरों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया गया. उतराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद समय-समय पर उत्तरकाशी पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे थे. इसके साथ ही पीएम मोदी भी इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए थाईलैंड और नॉर्वे के एक्सपर्ट की भी मदद ली गई थी. आखिरकर पहाड़ में ड्रिल कर एक रास्ता बनाया गया, फिर उसके अंदर एक पाइप डालकर मजदूरों को एक-एक बाहर निकाला गया.

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