Sunday, June 8, 2025
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113 रुपये लेने के चक्कर में दिल्ली में डॉक्टर ने गंवा दिए 4.9 लाख, कैब सर्विस में रिफंड के लिए किया था कॉल

दिल्ली में डॉक्टर ने 113 रुपये लेने के चक्कर में गंवा दिए 4.9 लाख, कैब सर्विस में रिफंड के लिए किया था कॉल

दिल्ली में साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक डॉक्टर ने कैब कंपनी की सर्विस से कॉल करके 113 रुपये रिफंड लेने के चक्कर में अपने 5 लाख रुपये गंवा दिए.

दिल्ली में साइबर ठगी (Cyber Fraud) का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक कैब कंपनी की कैब सर्विस से रिफंड मांगने के लिए कॉल करना डॉक्टर को भारी पड़ गया. इस तरह डॉक्टर ने 113 रुपये रिफंड लेने के चक्कर में 4.9 लाख रुपये गंवा दिए. सफदरजंग एन्क्लेव (Safdarjung Enclave) के अर्जुन नगर के डॉक्टर प्रदीप चौधरी (Pradeep Chaudhary) ने पुलिस शिकायत में लिखा है कि उन्होंने काम के लिए गुरुग्राम (Gurugram) के लिए कैब ली थी. उन्होंने 205 रुपये में कैब बुक की थी, लेकिन सवारी खत्म होने के बाद उनसे 318 रुपये लिए गए.

इसके बाद प्रदीप चौधरी ने कैब वाले से पूछा कि उससे 113 रुपये ज्यादा क्यों लिए गए तो ड्राइवर ने उनसे कहा कि वह कैब सेवा के ग्राहक सेवा से संपर्क करके रिफंड ले सकते हैं. ऐसे में प्रदीप चौधरी ने तुरंत इंटरनेट पर सर्च कर एक फोन नंबर निकाला, जो कैब कंपनी का होने का दावा कर रहा था. उस नंबर पर उन्होंने फोन किया. कॉल का जवाब देने वाले व्यक्ति ने खुद को कैब सेवा का ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बताया और उनसे उनकी समस्या के बारे में पूछा.

रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन कराया था डाउनलोड

चौधरी ने बताया कि उन्होंने उस व्यक्ति को घटना के बारे में बताया और रिफंड की मांग की, फिर उनका कॉल किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसने अपना नाम राकेश मिश्रा बताया. राकेश मिश्रा ने प्रदीप चौधरी से एक रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा और ई-वॉलेट खोलने को कहा. इसके बाद रिफंड राशि टाइप करने को कहा. उसने पीड़ित से अपने फोन नंबर के पहले छह अंक उस फील्ड में टाइप करने के लिए कहा, जहां लोग आमतौर पर वॉलेट में राशि दर्ज करते हैं और उसे भेजते हैं.

पीड़ित ने आरोपी को दिया था ओटीपी

पीड़ित ने पूछा कि उसे ऐसा क्यों करना पड़ रहा है तो राकेश मिश्रा ने उसे बताया कि यह सत्यापन प्रक्रिया थी. चौधरी को जो करने के लिए कहा गया था, उन्होंने वह टाइप कर दिया. उसने अपना ओटीपी भी मिश्रा को दे दिया. इसके बाद चार लेनदेन किए गए और ठगों ने उनसे 4.9 लाख रुपये ठग लिए गए.

पुलिस ने टीमो का किया गठन

फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और आईटी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया है. अधिकारी को संदेह है कि घोटालेबाजों ने कंपनी का फर्जी ग्राहक सेवा नंबर ऑनलाइन पोस्ट किया था और चौधरी कैब कंपनी के ग्राहक सेवा नंबर की खोज करते समय जाल में फंस गए. अधिकारी ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए टीमें गठित की गई हैं.

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