Sunday, July 27, 2025
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डायबिटीज रोगियों को AIIMS Free में देगा इंसुलिन की शीशियां, जानें कहां से, कैसे उठाएं इसका लाभ?

AIIMS डायबिटीज रोगियों को Free में देगा इंसुलिन की शीशियां, जानें कहां से, कैसे उठाएं इसका लाभ?

दिल्ली एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा के मुताबिक एम्स के किसी भी बाह्य रोगी विभाग से इंसुलिन लिखवाने वाले मरीजों को मुफ्त में इंसुलिन शीशियां दी जाएंगी.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (Delhi AIIMS) ने मधुमेह रोगियों को फ्री में इंसुलिन (Free Insulin) की शीशियां मुहैया कराने का फैसला लिया है. एम्स ने मधुमेह रोगियों (Diabetes Patients) को फ्री में ये सुविधा मुहैया कराने के लिए दो काउंटर खोले हैं. मधुमेह रोगी एम्स के इस सुविधा काउंटर से मुफ्त में इसका लाभ उठा सकता है. एम्स प्रशासन ने विश्व मधुमेह दिवस यानी बीते मंगलवार से इस सेवा की शुरुआत की है. एम्स के इस पहल को मधुमेह के गरीब रोगियों के लिए बहुत बड़ी राहत माना जा रहा है.

दिल्ली एम्स के मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा दादा के मुताबिक एम्स के किसी भी बाह्य रोगी विभाग से इंसुलिन लिखवाने वाले मरीजों को मुफ्त इंसुलिन शीशियां दी जाएंगी. इसके लिए न्यू राज कुमारी अमृत कौर ओपीडी के सामने अमृत फार्मेसी में दो नए काउंटर खोले गए हैं. काउंटर पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक इंसुलिन की शीशियां मरीज हासिल कर सकते हैं.

इन मरीजों को दिए जाएंगे आईस पैक

एम्स काउंटर पर मरीजों को इंसुलिन की शीशियों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में लिखित निर्देश भी दिए जाएंगे, जो इसके रोगियों को शीशियों के सुरक्षित ले जाने और सुरक्षित स्टोरेज करने में सहायक साबित होंगे. वहीं लंबी दूरी की यात्रा करने की संभावना वाले रोगियों को तय तापमान पर शीशियों को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए जमे हुए आइस पैक दिए जाएंगे. शुरुआत में इंसुलिन की शीशियां एक महीने की उपचार अवधि के लिए जारी की जाएंगी, जिसे भविष्य में दो-तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है.

इंसुलिन लेना जरूरी क्यों?

दरअसल, इंसुलिन डायबिटीज टाइप 1 के रोगियों को नियमित रूप से इंसुलिन लेनी होती है. टाइप 2 के रोगियों का पहले दवा से ही ब्लड शुगर कम किया जाता है, लेकिन ब्लड शुगर पर दवा असर ना होने पर डॉक्टर इंसुलिन के इंजेक्शन मरीजों को लगाते हैं. इंसुलिन पैंक्रियास में बनने वाला एक हार्मोन हैं जो ब्लड में शुगर को मेंटेन करता है. जब ये हार्मोन किसी वजह से प्रभावी साबित न होता या कम बनता है, तब दवा और बाद में इंसुलिन देने की जरूरत पड़ती है.

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