Saturday, March 15, 2025
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Karwa Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा कथा के बिना है अधूरी, यहां पढ़ें करवा चौथ संपूर्ण कथाएं

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा कथा के बिना है अधूरी, यहां पढ़ें करवा चौथ संपूर्ण कथाएं

Devotional Desk | Rajneetik Tarkas 

Karwa Chauth Vrat Katha: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. साल 2023 में करवा चौथ का व्रत 1 नंवबर 2023 के दिन रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती है. ये निर्जला व्रत होता है इस दिन महिलाएं सोलाह श्रृंगार कर और रात में चंद्र दर्शन के बाद ही कुछ ग्रहण करती है. करवा चौथ का व्रत बिना इस व्रत की कथा किए बिना अधूरा माना जाता है. आइये जानते हैं करवाचौथ की व्रत कथा.

करवा चौथ व्रत कथा (Karwachauth Vrat Katha)

एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी. एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा. रात्रि के समय जब साहूकार के सभी लड़के भोजन करने बैठे तो उन्होंने अपनी बहन से भी भोजन कर लेने को कहा. इस पर बहन ने कहा- भाई, अभी चांद नहीं निकला है. चांद के निकलने पर उसे अर्घ्य देकर ही मैं आज भोजन करूंगी.

साहूकार के बेटे अपनी बहन से बहुत प्रेम करते थे, उन्हें अपनी बहन का भूख से व्याकुल चेहरा देख बेहद दुख हुआ. साहूकार के बेटे नगर के बाहर चले गए और वहां एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि जला दी. घर वापस आकर उन्होंने अपनी बहन से कहा- देखो बहन, चांद निकल आया है. अब तुम उन्हें अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करो. साहूकार की बेटी ने अपनी भाभियों से कहा- देखो, चांद निकल आया है, तुम लोग भी अर्घ्य देकर भोजन कर लो. ननद की बात सुनकर भाभियों ने कहा- बहन अभी चांद नहीं निकला है, तुम्हारे भाई धोखे से अग्नि जलाकर उसके प्रकाश को चांद के रूप में तुम्हें दिखा रहे हैं.

साहूकार की बेटी अपनी भाभियों की बात को अनसुनी करते हुए भाइयों द्वारा दिखाए गए चांद को अर्घ्य देकर भोजन कर लिया. इस प्रकार करवा चौथ का व्रत भंग करने के कारण विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश साहूकार की लड़की पर अप्रसन्न हो गए. गणेश जी की अप्रसन्नता के कारण उस लड़की का पति बीमार पड़ गया और घर में बचा हुआ सारा धन उसकी बीमारी में लग गया.

साहूकार की बेटी को जब अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसे बहुत पश्चाताप हुआ. उसने गणेश जी से क्षमा प्रार्थना की और फिर से विधि-विधान पूर्वक चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया. उसने उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया.

इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा-भक्ति को देखकर एकदंत भगवान गणेश जी उसपर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवनदान प्रदान किया. उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया.करवा चौथ माता की जय !

क्या दलीलें दी?

सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि राजनीतिक पार्टी को चंदा देने वाले भी गोपनीयता चाहते हैं ताकि दूसरी पार्टी उनके प्रति नाराजगी न रखें. सत्ताधारी पार्टी को ज्यादा पैसे मिलना कोई नई बात नहीं है क्योंकि 2004 से 14 के बीच भी यही हुआ था. सुनवाई कल यानी गुरुवार (2 नवंबर) को भी जारी रहेगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने राजनीतिक फंडिंग से जुड़ी चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार (31 अक्टूबर) से सुनवाई शुरू की. इससे एक दिन पहले अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इसमें उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक दल को मिलने वाले चंदे की जानकारी पाना नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने वेंकटरमनी से मामले में अपनी राय देने को कहा था.

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